श्रीनगर ।। जम्मू एवं कश्मीर उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार के उस अनुरोध को अस्वीकार कर दिया है, जिसमें उसने नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के कार्यकर्ता सईद मुहम्मद यूसुफ की हिरासत में हुई मौत की जांच किसी सेवारत न्यायाधीश से कराने का अनुरोध किया था।

आधिकारिक सूत्रों द्वारा सोमवार को दी गई जानकारी के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश के.एम. कलीफुल्ला ने राज्य सरकार से कहा है कि मौत की जांच के लिए उच्च न्यायालय के किसी सेवारत न्यायाधीश की नियुक्ति करना उसके अधिकार में नहीं है।

एक सूत्र के अनुसार, सरकार से कहा गया है, “सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार ऐसा सर्वोच्च न्यायालय और राष्ट्रपति द्वारा किया जा सकता है।”

राज्य सरकार ने 30 सितम्बर को उच्च न्यायालय से अनुरोध किया था कि वह यूसुफ की मौत की जांच के लिए किसी सेवारत न्यायाधीश की नियुक्ति करे। यूसुफ की यहां रहस्यमय स्थितियों में मौत हो गई थी।

यूसुफ, नेशनल कांफ्रेंस के दो नेताओं से 1.18 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोपी था। इसके बदले दोनों नेताओं में से एक को मंत्री पद और एक को विधायकी दिलाने का उसने वादा किया था।

यूसुफ को स्थानीय पुलिस की अपराध शाखा ने पूछताछ के लिए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के आवास से हिरासत में ले लिया था। उसके बाद यूसुफ की 30 सितम्बर को पुलिस हिरासत में ही कथितरूप से मौत हो गई।

पुलिस का कहना है कि यूसुफ की मौत हृदयाघात के कारण हुई, जबकि मृतक के परिजनों का आरोप है कि हिरासत में प्रताड़ना के कारण उसकी मौत हुई है।

 

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