इडुक्की (केरल) ।। केरल मुल्लापेरियार बांध में बढ़ते जलस्तर से चिंतित है और उसने नया बांध बनाए जाने की मांग की है। तमिलनाडु ऐसा नहीं चाहता, इसी के चलते राज्यभर में तमिलनाडु के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं।

कांग्रेस नेतृत्व वाले युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट व उसके विरोधी मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेतृत्व वाले लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट ने सोमवार को इडुक्की जिले में सुबह से शाम तक के बंद का आह्वान किया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने चार जिलों इडुक्की, कोट्टायम, अलापुझा व एर्नाकुलम में मंगलवार को पूर्ण बंध का आह्वान किया है।

मुल्लापेरियार बांध को लेकर केरल व तमिलनाडु के बीच टकराव की स्थिति है। इडुक्की में साल 1886 में त्रावणकोर के महाराज व ब्रिटिश राज के बीच हुए एक समझौते के बाद यह बांध बना था। बांध केरल में है लेकिन तमिलनाडु इसके पानी का इस्तेमाल करता है। परेशानी की वजह यही है।

तमिलनाडु चाहता है कि बांध की ऊंचाई 136 फुट (41.5 मीटर) से बढ़ाकर 142 फुट (43 मीटर) कर उसकी संग्रहण क्षमता बढ़ा दी जाए। तमिलनाडु की सिंचाई आवश्यकताएं बढ़ गई हैं।

केरल को डर है कि एक तगड़ा भूकम्प इस बांध को ढहा सकता है और इससे इलाके में काफी तबाही होगी। इसे देखते हुए केरल का नया बांध बनाने का प्रस्ताव है। वह इसके लिए कोष देने व इसे बनाने के लिए भी तैयार है। दूसरी ओर तमिलनाडु को यह मंजूर नहीं है।

इडुक्की में वांडी पेरियार, कुमाली और छप्पाथू सहित कई स्थानों पर सोमवार को लोगों ने नए बांध की मांग को लेकर तमिलनाडु के खिलाफ नारेबाजी की।

कई स्थानों पर तो वाम कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, केरल से केंद्रीय मंत्री ए.के. एंटनी, व्यालार रवि और मुख्यमंत्री ओमान चांडी के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने इडुक्की, कोट्टायम, अलापुझा, त्रिशूर व एर्नाकुलम जिलों में बारिश के दिनों में मुल्लापेरियार बांध का जलस्तर बढ़ने से खतरे में रह रहे 30 लाख से ज्यादा केरलवासियों का जीवन बचाने के लिए जल्दी से जल्दी कुछ किए जाने की मांग की।

Rate this post

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here