भोपाल ।। मध्य प्रदेश में बच्चों को धार्मिक शिक्षा देने के मुद्दे पर चल रही बहस के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बार फिर दोहराया है कि विद्यालयों में गीता, कुरान व बाइबिल जैसे धार्मिक ग्रंथों की शिक्षा दी जाएगी। 

कांग्रेस की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का जवाब देते हुए गुरुवार को चौहान ने कहा कि बच्चों में शिक्षा और ज्ञान के साथ संस्कारों का भी विकास आवश्यक है। ये संस्कार धर्म के जरिए आते हैं, लिहाजा गीता, कुरान और बाइबिल जैसे धर्म ग्रंथों को शिक्षा में सम्मिलित किया जाएगा।

चौहान का कहना है कि सिर्फ धर्म ही नहीं महात्मा गाध्ांी, जवाहरलाल नेहरु के साथ अन्य स्वाधीनता सेनानियों से सम्बंधित अध्याय भी पाठयक्रम में शामिल किए जाएंगे। उनका कहना है कि देश के नेता किसी भी दल के हो सकते हैं लेकिन उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता, लिहाजा उनके योगदान को नई पीढ़ी को बताया जाना चाहिए, इसलिए बच्चों को यह पढ़ाया जाएगा। 

सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस ने आपत्ति दर्ज कराई है। पार्टी का कहना है कि यह कोशिश लोगों को बांटने का काम करेगी। विधानसभा में पार्टी के उप नेता चौधरी राकेश सिंह ने कहा है कि सरकारी विद्यालयों में गरीब तबके के बच्चे पढ़ने जाते है लिहाजा उन्हें बांटने की कोशिश नहीं होनी चाहिए। उन्होंने इशारों मे कहा कि इन विद्यालयों में सरकार के ही लोग अपने बच्चे पढ़ने नही भेजते हैं, उनके बच्चे तो महानगरों के बड़े स्कूलों में पढ़ते हैं।

Rate this post

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here