भोपाल ।। मध्य प्रदेश में कर्ज से परेशान किसानों के आत्महत्या करने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है, बीते तीन दिनों में तीन किसानों ने मौत को गले लगा लिया है। दो मामले होशंगाबाद के हैं, जबकि एक मामला इंदौर का है।
होशंगाबाद जिले के डोलरिया इलाके के दो किसान कर्ज व फसल की बर्बादी को लेकर इतने परेशान हो चले कि उन्होंने अपनी जान दे दी। इनमें से एक मामला नानपा गांव का है, जहां के एक किसान कमल गौर की 17 एकड़ भूमि में सिर्फ 15 क्विं टल सोयाबीन की पैदावार हुई थी, वहीं उस पर किसान क्रेडिट कार्ड का दो लाख रुपये का तथा अन्य लोगों का भी कर्ज था। उस पर पूरे परिवार को चलाने की जिम्मेदारी थी, इन स्थितियों से वह इतना टूट गया कि उसने अपने घर पर जहरीली दवा पी ली, जिससे उसकी हालत बिगड़ गई। गम्भीर हालत में उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन बचाया नहीं जा सका।
कमल को जानने वाले बताते हैं कि उनका साथी पिछले कुछ दिनों से ज्यादा ही परेशान था तथा कर्ज के बोझ व फसल की बर्बादी की चर्चा किया करता था। पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें उसने समाज के हालात पर सवाल खड़े किए हैं।
इसी तरह रतवाड़ा के रहने वाले किसान रामसिंह राजपूत ने मौत को गले लगा लिया। उसकी चार एकड़ जमीन है, जिस पर अच्छी पैदावार नहीं हुई है। उस पर साहूकारों का कर्ज था, इससे वह इतना परेशान हो उठा कि खुद पर केरोसिन डालकर आग लगा ली। उसे गम्भीर हालत में जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, जहां उसकी अगले दिन मौत हो गई।
गांव के मोहन सिंह बताते है कि रामसिंह कर्ज से परेशान था तथा फसल की बर्बादी भी उसे सताए जा रही थी। इसी के चलते उसने यह कदम उठाया। वहीं इन दोनों किसानों की मौत के संदर्भ में होशंगाबाद कलेक्टर निशांत बरबड़े से सम्पर्क किया गया लेकिन वह उपलब्ध नहीं हुए।
प्रदेश कांग्रेस समिति ने दोनों किसानों की मौत के मामले को जांच के लिए दो सदस्यीय समिति में भेजने का निर्णय लिया है। यह समिति मौके पर जाकर हालात का अध्ययन करेगी।
एक अन्य मामला इंदौर का है जहां महू इलाके के जमली गांव के किसान राजेश पाटीदार ने अस्पताल की छत से कूद कर आत्महत्या कर ली। राजेश पर लगभग 10 लाख रुपये का कर्ज था, इस कर्ज को चुकाने के लिए उसने अपनी एक बीघा जमीन का भी सौदा कर दिया था। इसके बाद भी वह कर्ज चुकाने की स्थिति में नहीं था, लिहाजा उसने जहर पी लिया। गम्भीर हालत में उसे इंदौर के निजी चिकित्सालय में लाया गया। हालत सुधरी तो उसने अस्पताल की पांचवीं मंजिल से छलांग लगाकर जान दे दी।
राजेश के चाचा घनश्याम का कहना है कि उनके भतीजे को शराब पीने की आदत थी साथ ही उस पर कर्ज भी था। उसने अपनी एक जमीन का सौदा भी कर दिया था। आत्महत्या क्यों की है इसका उन्हें पता नहीं है।