भोपाल ।। मध्य प्रदेश अपनी ऐतिहासिक व पुरातात्विक धरोहरों के कारण दुनिया में विशिष्ट पहचान रखता है लेकिन इनके संरक्षण की आवश्यकता है। अब फ्रांस सरकार ने राज्य के दो ऐतिहासिक शहरों भोपाल एवं महेश्वर स्थित प्राचीन धरोहरों के संरक्षण में रुचि दिखाई है। भोपाल की ऐतिहासिक धरोहरों का संरक्षण फ्रांस के रेंस शहर की तर्ज पर किया जाएगा।
भोपाल आए फ्रांसीसी दल के सदस्यों अरबन प्लानिंग सिटी ऑफ रेंस (फ्रांस) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टीन ली पेटिट, फ्रांसीसी दूतावास के संस्कृति प्रतिनिधि बेंजामिन गेस्टीन व दिल्ली स्थित यूनेस्को इंडिया की प्रोजेक्ट मैनेजर परोमिता ने बुधवार को नगरीय प्रशासन मंत्री बाबू लाल गौर से मुलाकात की।
उन्होंने बताया कि फ्रांस सरकार ने इंडियन हेरीटेज सिटीज नेटवर्क (आईएचसीएन) कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश के दो शहरों महेश्वर एवं भोपाल की प्राचीन धरोहरों को संरक्षण के लिए चुना है। साथ ही फ्रांस सरकार रेंस शहर की ही तरह भोपाल शहर की प्राचीन धरोहरों के संरक्षण एवं संवर्धन की परियोजनाओं पर कार्य करने की इच्छुक है।
दल के सदस्यों ने बताया कि प्रथम चरण में भोपाल शहर की प्राचीन धरोहरों सदर मंजिल, परी बाजार के साथ ही तीन प्राचीन तालाबों मोतिया तालाब, सिद्दीक हसन तालाब एवं मुंशी हुसैन खां तालाब के संरक्षण एंव संवर्धन का कार्य हाथ में लिया जाएगा।
नगरीय प्रशासन मंत्री गौर ने फ्रांस के दल से भोपाल की प्रसिद्ध इमारतों ताजमहल, बेनजीर भवन एवं ताजुल मसाजिद के साथ ही ग्वालियर शहर की प्राचीन धरोहरों का भी संरक्षण एवं संवर्धन करने की बात कही।
उल्लेखनीय है कि नगरीय प्रशासन मंत्री गौर ने सितम्बर एवं अक्टूबर 2010 में फ्रांस देश के रेंस, लोरियांट एवं पेरिस शहरों का भ्रमण किया था। गौर ने अपनी यात्रा के दौरान रेंस शहर और भोपाल शहर के बारे में अनुभवों के आधार पर प्राचीन धरोहरों के रख-रखाव का कार्यक्रम बनाने की इच्छा व्यक्त की थी।