भोपाल ।। मध्य प्रदेश सरकार ने जूनियर डाक्टरों की हड़ताल को देखते हुए इंदौर व भोपाल के चिकित्सालयों में आने वाले गम्भीर रूप से बीमार मरीजों का निजी चिकित्सालयों में इलाज कराने का निर्णय लिया है। इसका खर्च सरकार वहन करेगी।

ज्ञात हो कि पिछले चार दिनों से जारी जूनियर डाक्टरों की हड़ताल के चलते चिकित्सा महाविद्यालयों के अधीन आने वाले चिकित्सालयों में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं। हड़ताल के बाद गम्भीर रूप से बीमार रोगियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। 

राज्य के चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री महेंद्र हार्डिया ने गुरुवार को आईएएनएस को बताया कि इंदौर के एम. वाय. अस्पताल तथा भोपाल के हमीदिया अस्पताल के गम्भीर मरीजों का इलाज सरकार निजी अस्पतालों में कराएगी। भोपाल में चिरायु चिकित्सालय नि:शुल्क इलाज के लिए तैयार है। दवा का खर्च सरकार उठाएगी वहीं इंदौर में अरविंदो अस्पताल में गम्भीर रूप से बीमार मरीजों का इलाज होगा।

इस बीच उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ की चेतावनी के बाद ग्वालियर के जूनियर डाक्टर तो बुधवार को काम पर लौट आए लेकिन शेष चार स्थानों भोपाल, इंदौर, जबलपुर व रीवा के डाक्टर अब भी हड़ताल पर बने हुए हैं। भोपाल, इंदौर व जबलपुर में डाक्टर के खिलाफ प्रशासन ने कार्रवाई कर गिरफ्तारियां भी की हैं। जबलपुर में भी छात्रावास खाली कराए गए है। 

गौरतलब है कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं संचालित करने में डाक्टर अहम भूमिका निभाते हैं। उनके हड़ताल पर जाने से स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं। सरकार वरिष्ठ चिकित्सकों की सेवाएं ले रही हैं, उसके बाद भी मरीजों को लाभ नहीं मिल पा रहा है।

चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ के साथ नर्स एसोसिएशन ने भी डाक्टर को नैतिक समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। यदि ये दोनों संगठन भी हड़ताल पर चले जाते हैं, तो सरकार की मुश्किलें और भी बढ़ सकती हैं।

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