इम्फाल ।। मणिपुर सरकार के एक मंत्री ने कहा कि राज्य में 121 दिनों से जारी आर्थिक नाकेबंदी को अस्थाई तौर पर हटा लेने के बाद भी हालात गम्भीर हैं। मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि अगर प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई, तो राज्य में गृह युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। 

पहचान जाहिर न करने की शर्त पर मंत्री ने आईएएनएस से कहा, “राष्ट्रीय राजमार्ग की नाकेबंदी खत्म होने से निवासियों को राहत मिलेगी लेकिन राज्य सरकार को कुकी एवं नगा जनजाति के लोगों के बीच के मुद्दों को सुलझाने के लिए लम्बा रास्ता तय करना होगा।”

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तीन दिसम्बर की यात्रा के मद्देनजर ‘युनाइटेड नागा काउंसिल’ (यूएनसी) ने सोमवार को इस आर्थिक नाकेबंदी को उठा लिया था।

राज्य की कांग्रेस सरकार के पूरे मामले पर मूकदर्शक बने रहने के प्रश्न पर मंत्री ने कहा, “हम कुकी एवं नगा लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं कर सकते। ये लोग भी अपने हैं। कोई भी कड़ी कार्रवाई राज्य में गृहयुद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न कर सकती है।”

राज्य में गतिरोध के लिए मंत्री ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।

उन्होंने कहा, “इस गतिरोध के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराना उचित नहीं है। केंद्र सरकार की भी कुछ जिम्मेदारी है। राज्य की 27 लाख जनसंख्या में 36 जनजातियां हैं। यदि किसी भी जनजाति को कोई समस्या है तो वह हम तक नहीं, केंद्र तक पहुंचती है। समस्या तब उत्पन्न होती है क्योंकि उन्हें अपनी समस्याएं केंद्र तक नहीं बल्कि हम तक पहुंचाने की जरूरत है।”

मंत्री ने इस बात पर दुख व्यक्त किया कि कुकी एवं नगा आम लोगों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील नहीं हैं।

‘सदर हिल्स डिस्ट्रिक्ट डिमांड कमेटी’ (एसएचडीडीसी) ने एक अगस्त को कुकी बहुल सदर हिल्स को पूर्ण जिला घोषित करने की मांग को लेकर आर्थिक नाकेबंदी शुरू कर देने के बाद समस्या शुरू हुई थी।

राज्य सरकार द्वारा मांग पर सहमत होने के आश्वासन के बाद एसएचडीडीसी ने हालांकि 92वें दिन राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 39 एवं 53 से नाकेबंदी उठा ली थी। इस कदम का यूएनसी विरोध कर रही थी। इसने विरोध स्वरूप 21 अगस्त से दो राष्ट्रीय राजमार्गो पर आर्थिक नाकेबंदी लगाया था।

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