चण्डीगढ ।। हरियाणा में सरकारी चिकित्सक अपनी मांगों को लेकर दो दिन के सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं। चिकित्सकों के हड़ताल पर चले जाने के कारण मंगलवार को प्रदेश के सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य संस्थानों में चिकित्सा सेवा चरमरा गई।

यह हड़ताल हरियाणा लोक चिकित्सा सेवा (एचसीएमएस) संघ के आह्वान पर की गई।

संघ के अध्यक्ष राजेश कुमार ने कहा कि अगर हरियाणा सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती तो 10 नवम्बर से प्रदेश के सभी सरकारी चिकित्सक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएगें। गैर-अभ्यास भत्ता (एनपीए) को मूल वेतन का हिस्सा बनाना, स्नातकोत्तर (पीजी) प्रवेश नीति में संसोधन कर उसे और ज्यादा चिकित्सकों के लिए पीजी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के योग्य बनाना और चिकित्सकों के पूरे विशेषज्ञ कैडर के वेतन में वृद्धि संघ की प्रमुख मांगों में शामिल हैं।

राजेश ने बताया कि पिछले दो सालों से सरकार चिकित्सकों की मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है, जिसकी वजह से वे हड़ताल पर जाने को मजबूर हैं।

उन्होंने कहा, “हम नहीं चाहते कि हड़ताल के कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़े। इसी वजह से दो दिन के सामूहिक अवकाश के बावजूद डॉक्टर आपातकालीन मामलों के लिए उपस्थित रहेंगे।”

प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री नरेन्द्र सिंह ने कहा कि सरकार पहले से ही चिकित्सकों की मांगों पर विचार कर रही है और उम्मीद है कि मामला जल्द ही सुलझा लिया जाएगा। उन्होंने चिकित्सकों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि हरियाणा सरकार उनकी मांगों को लेकर हर सम्भव प्रयास कर रही है।

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