मुंबई, Hindi7.com ।। मुंबई पुलिस ने मंगलवार को सचिन तेंदुलकर के डेबिट कार्ड से रुपये निकालते हुए एक शख्स को गिरफ्तार किया है। पुलिस के हाथ आया 21 साल का युवा शोएब दूधवाला मुंबई के माहिम का रहने वाला है। पुलिस ने इसको उस समय गिरफ्तार किया, जब वह भारत माता सिनेमा के पास एचएसबीसी बैंक के एटीएम से रुपये निकालने की कोशिश कर रहा था।

जब शोएब रूपये निकालने के लिए एटीएम के अंदर घुसा, तो उसे रुपये निकालने में ज्यादा समय लगता देख पुलिस को उस पर शक हुआ। जब पुलिस ने उससे पूछताछ की तो देखा कि उसके पास सचिन तेंदुलकर का डेबिट कार्ड है।

अब, पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि डेबिट कार्ड भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर का ही है या नहीं। किसी अन्य का डेबिट कार्ड शोएब के पास कैसे आया ? पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि तेंदुलकर के कार्ड की डिटेल के आधार पर कहीं यह कार्ड फर्जी तो नहीं बनाया गया है।

शोएब पश्चिमी मुंबई के एक कॉलेज में सेकंड ईयर का छात्र है। पुलिस ने उसके पास के 4 क्रेडिट और डेबिट कार्ड बरामद किए हैं, जिसमें सचिन तेंदुलकर के नाम वाला डेबिट कार्ड भी है। इसके अलावा उसके पास जो कार्ड मिले हैं वह आईएनजी वैश्य, आईसीआईसीआई और कोटक महिंद्रा बैंक के हैं। पुलिस पूछताछ में शोएब ने बताया है कि उसे सचिन के नाम वाला कार्ड एक बस स्टैंड के पास मिला और उसने सोचा कि एटीएम में जाकर इसे चेक करके देखते हैं। पुलिस शोएब की इस कहानी पर यकीन नहीं कर रही है।

सीनियर इंसपेक्टर विक्रम पाटिल ने कहा कि “शोएब के पास से मिले कोटेक महिंद्रा कार्ड पर सचिन तेंदुलकर का नाम लिखा है। हमने बैंक से संपर्क किया है और इस कार्ड के डिटेल मांगे हैं, ताकि इस बात का खुलासा हो सके कि कार्ड तेंदुलकर का है या नहीं, और बैंक ने कभी ऐसा कोई कार्ड इशू किया है या नहीं। बैंक से पूरी जानकारी मिलने के बाद हम सचिन से कॉन्टैक्ट करेंगे। इसके अलावा हम इस बात की भी पड़ताल कर रहे हैं कि सचिन ने कभी कार्ड खोने की शिकायत दर्ज कराई है या नहीं।”

पुलिस कॉन्सटेबल ने जब शोएब से पूछताछ की, तो उसके पास से 4 कार्ड और 8,640 रुपये कैश बरामद हुए। हालांकि, शोएब ने कहा कि उसे पैसे की सख्त जरूरत थी इसलिए वह एटीएम से रुपये निकालने गया था।

पुलिस को शोएब के पास से जो लाइसेंस मिला है, वह भी फर्जी है। मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी ने बताया कि शुरुआत में पूछताछ करने पर शोएब ने कहा है कि डेबिट कार्ड उसे बस स्टैंड के पास पड़ा मिला था, लेकिन बाद में उसने कहा कि यह डमी कार्ड है, जो बैंक ने उसे दिया है।

पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि शोएब डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड संबंधी डाटा चुराकर नकली कार्ड बनाने वाले किसी गिरोह का मेंबर तो नहीं है।

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