नई दिल्ली ।। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने उत्तर प्रदेश में बाल अधिकारों के कथित हनन का संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव से इस बारे में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट 15 दिन के अंदर दाखिल करने का निर्देश दिया है।

ज्ञात हो कि आयोग ने आठ अक्टूबर को मुख्य सचिव को पत्र भेजा था। आयोग ने समाचार पत्रों में छपी उन खबरों का हवाला दिया है जिनमें कहा गया है कि पानी और मच्छरों से होने वाले घातक रोग इन्सेफलाइटिस पूर्वी उत्तर प्रदेश में बार-बार फैल रहा है और पिछले दो महीनों में इस रोग से 500 बच्चों की मृत्यु हो चुकी है।

ये इलाका देश के सबसे गरीब इलाकों में से है और यहां सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली विफल हो चुकी है। इस इलाके में पिछले 30 सालों में 50 हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। आयोग का कहना है कि ये बच्चों की जीवन और विकास के अधिकार का हनन है और इसे संयुक्त राष्ट्र के बाल अधिकार संधि के अनुच्छेद 6 और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत संरक्षण प्रदान किया जाना चाहिए।

Rate this post

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here