काठमांडू ।। नेपाल में रविवार की विमान दुर्घटना में सभी 19 यात्रियों की मौत के साथ ही कोलकाता के एक डॉक्टर का किताब लिखने का सपना टूट गया, क्योंकि इस हादसे ने उस डॉक्टर की जान भी ले ली।

हादसे में 10 भारतीय मारे गए, जिनमें से आठ तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली के थे। वे निर्माण उद्योग से जुड़े इंजीनियर तथा अन्य पेशेवर थे, जो नई दिल्ली में एक सम्मेलन के बाद छुट्टियों पर नेपाल पहुंचे थे। मरने वालों में कोलकाता के डॉक्टर दम्पत्ति पंकज और छाया मेहता भी थे, जो पिछले कई साल से नेपाल में काम कर रहे थे।

छाया जहां काठमांडू के किस्त मेडिकल कॉलेज में आंखों की विशेषज्ञ थीं। वहीं पंकज काठमांडू स्थित यूनीसेफ के क्षेत्रीय कार्यालय में स्वास्थ्य सलाह के पद पर कार्यरत थे।

नेपाल में करीब पांच साल के कार्यकाल के दौरान पंकज ने बाल एवं मातृ मृत्यु दर में कमी लाने में की दिशा में सराहनीय काम किया। पिछले सप्ताह उन्हें फिलीपींस के लिए रवाना होना था, क्योंकि वहां उन्हें यूनीसेफ के स्वास्थ्य विभाग का प्रमुख बनाया गया था। दोस्तों और सहकर्मियों ने उन्हें विदाई भी दे दी थी।

मेहता दम्पत्ति ने इस मौके पर नेपाल छोड़ने का दु:ख जताया था और कहा कि इस देश ने उन्हें बहुत कुछ सिखाया है। पंकज ने अपने दोस्तों और सहयोगियों से नेपाल के अनुभव पर पुस्तक लिखने की बात भी कही थी। लेकिन उनका यह सपना पूरा नहीं हो सका।

नेपाल छोड़ने से पहले वह पत्नी को माउंट एवरेस्ट की झलक दिखाना चाहते थे। रविवार को अपनी इसी योजना के तहत वह पत्नी के साथ बुद्धा एयरलाइन्स की घरेलू विमान से उन्हें माउंट एवरेस्ट दिखाने ले गए थे। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था और विमान काठमांडू लौटते वक्त दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

मेहता दम्पत्ति के दो बेटे हैं। बड़ा बेटा केयूर पूर्वी नेपाल में बी. के. कोईराला इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ साइंस में चिकित्सा विज्ञान की पढ़ाई कर रहा है, जबकि छोटा बेटा धवल अमेरिका में पढ़ाई कर रहा है। केयूर की शादी नवम्बर में होने वाली थी।

Rate this post

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here