भुवनेश्वर ।। ओडिशा में विपक्षी दलों ने बुधवार को कानून मंत्री बिक्रम केशरी अरुख के इस्तीफे की मांग की। अरुख ने स्वीकार किया है कि विकास प्राधिकरण के विवेकाधीन कोटे के तहत उनके परिवार को दो मकान आवंटित किए गए थे।

अरुख ने हाल ही में पेश किए गए अपनी सम्पत्ति के ब्यौरे में कहा था कि उन्हें ये दो मकान भुवनेश्वर विकास प्राधिकरण (बीडीए) से मिले हैं। एक मकान 2007 और दूसरा 2009 में मिला था।

एक मकान अरुख और दूसरा उनकी पत्नी के नाम पर आवंटित है। उस समय सम्बंधित मंत्रियों के विवेकाधीन कोटे के तहत ये मकान बनाए गए थे।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राज्य इकाई के उपाध्यक्ष अशोक साहू ने आईएएनएस को बताया कि बीडीए के आवास आवंटन दिशा-निर्देशों के मुताबिक यदि किसी व्यक्ति के पास उसके या उसके परिवार के किसी अन्य सदस्य के नाम पर पहले से ही एक मकान है तो उसे दूसरा मकान नहीं दिया जा सकता।

उन्होंने कहा, “अरुख ने दो मकान रखकर न केवल नियमों का उल्लंघन किया है बल्कि उन्होंने अधिकारियों के सामने इस बात का खुलासा न करके सच को भी छुपाया है।”

उन्होंनें कहा, “ऐसा पता चला है कि अरुख ने अधिकारियों को उनके पास पहले से एक मकान होने की सूचना दिए बिना दूसरा मकान हासिल किया था। उन्हें तुरंत इस्तीफा देना चाहिए।”

कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष निरंजन पटनायक का कहना है कि इस घटना से एक बार फिर यह साबित हो गया है कि बीजू जनता दल (बीजद) के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और उनके मंत्री भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और वे नियमों की अनदेखी करते हैं।

अरुख का कहना है कि उन्होंने दोनों मकानों पर कब्जा नहीं लिया है। उन्होंने कहा, “मैंने कोई अवैध काम नहीं किया। मैं एक मकान वापस करूंगा।”

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