चंडीगढ़, Hindi7.com ।। अहमदाबाद की रथयात्रा में बम फेंकने का मंसूबा रखने वाले पति को पुलिस के हवाले करवाने वाली रेशमा शहजाद रंगरेज ने कहा है कि बांग्लादेशी देश में अवैध हथियारों का करोबार चला रहे हैं। रविवार को चंडीगढ़ प्रेस क्लब में आई रेशमा का मानना है कि उसका पति जब तक बांग्लादेशियों के संगत में नहीं पड़ा था, तब तक ठीक था। जैसे ही वह उनके संगत में आया अवैध हथियार और अवैध शराब का कारोबार करने लगा।
गौरतलब है कि जुलाई महीने में अहमदाबाद में निकलने वाले रथयात्रा पर बम फेंकने का मंसूबा रखने वाले शहजाद को उसकी ही पत्नी रेशमा ने पुलिस के हाथों गिरफ्तार करवा दिया था। रेशमा का तर्क था कि अगर शहजाद बम फेंक देता, तो निश्चित रूप से वहां गोधरा जैसे दंगे भड़क जाते और नाहक ही हजारों लोगों की जान चली जाती।
“ऑल इंडिया एंटी टेरेरिस्ट फ्रंट” के प्रधान मनिंदर जीत सिंह बिट्टा के साथ प्रेस क्लब पहुंची रेशमा का कहना था कि उसका पति कोई काम नहीं कर रहा था, लेकिन उसके पास पैसे आ रहे थे। दो-तीन बार पुलिस ने उसे गिरफ्तार भी किया था, लेकिन शहजाद की मां उसे छुड़वा लेती थी।
रथयात्रा से थोड़े दिन पहले शहजाद के पास जब उसने बम देखा, तो उसने पुलिस को बुला लिया। बाद में उसके पास से आठ बम, दो बंदूक और कारतूस बरामद हुए। रेशमा का कहना है कि अपने पति को गिरफ्तार करवाने का उसे कोई गम नहीं है। उसने अपने देश के हित में काम किया है।
रेशमा चाहती है कि “सरकार उसके रहने और रोजगार का जुगाड़ कर दे, ताकि वह अपने तीन बच्चों का जीवन यापन कर सके।” इस मौके पर बिट्टा ने रेशमा का सम्मान करते हुए मांग की कि देश की एकता के लिए मिसाल पेश करने वाली रेशमा को राष्ट्रपति सम्मान मिलना चाहिए।