शिमला ।। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि प्रदेश सरकार अवैध तरीके से अर्जित की गई संपत्तियों को सरकार के अधीन लाने के लिए प्रदेश विधानसभा के वर्तमान सत्र के दौरान विधेयक लाएगी।

धूमल ने इंडियन ड्रग मैन्यूफेक्च रिंग एसोसिएशन और हिमाचल ड्रग मैन्यूफेक्च रिंग एसोसिएशन द्वारा यहां पीटरहॉफ में संयुक्त रूप से आयोजित सम्मान समारोह के दौरान हिमाचल ड्रग मैन्यूफेक्च रिंग एसोसिएशन की ओर से दान की गई 1.5 करोड़ रुपये मूल्य की दवाइयों से भरे तीन छोटे ट्रकों को रवाना करने के बाद यह बात कही। एसोसिएशन ने ये दवाइयां प्रदेश के बीपीएल परिवारों के लिए दान की हैं।

धूमल ने कहा कि प्रदेश सरकार अवैध तरीके से अधिगृहीत की जा रही संपत्तियों के मामले में गंभीर है, क्योंकि यह हिमाचल प्रदेश को सही मायनों में भ्रष्टाचारमुक्त बनाने के प्रयासों में समाज के लिए चिंता का कारण है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने वर्तमान विधानसभा सत्र के दौरान सर्विस गारंटी बिल प्रस्तुत का दिया है जिससे लोगों को आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति निर्धारित समयावधि में सुनिश्चित होगी।

उन्होंने दवा निर्माताओं का आह्वान किया कि वे जीवनरक्षक दवाओं के निर्माण में गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखें।

धूमल ने कहा कि प्रदेश में बड़े स्तर पर दवाइयों का उत्पादन किया जा रहा है और प्रदेश एक फार्मास्यूटिकल हब बन कर उभरा है। प्रदेश सरकार उद्यमियों को बेहतरीन सेवाएं एवं सुविधाएं उपलब्ध करवा रही है, जिससे प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों में दवा निर्माताओं को लाभ मिला है। दवा निर्माताओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने दवा नियंत्रक का कार्यालय शिमला से बद्दी स्थानांतरित किया है।

उन्होंने मुख्यमंत्री विद्यार्थी स्वास्थ्य योजना के दूसरे चरण के लिए प्रदेश के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के विद्यार्थियों के लिए डी-वार्मिग दवाइयां उपलब्ध करवाने के लिए फार्मास्यूटिकल कम्पनियों का धन्यवाद किया और कहा कि इस योजना का प्रथम चरण बहुत सफल रहा जिसके अंतर्गत 5़5 लाख विद्यार्थियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। दूसरे चरण में प्रदेशभर में 10 लाख से अधिक विद्यार्थियों के स्वास्थ्य की जांच की जाएगी।

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