नई दिल्ली ।। तिहाड़ जेल के एक अधीक्षक ने 180 पन्नों के अपने दस्तावेज में दावा किया है कि संसद पर हमले के दोषी आतंकवादी अफजल गुरू के सामने यह सवाल अब भी बना हुआ है कि वर्ष 2001 में संसद पर हमले के दौरान इस्तेमाल कार में रखे गए बम में विस्फोट क्यों नहीं हुआ?

वर्ष 2001 के संसद हमले के प्रमुख आरोपी अफजल गुरू ने तिहाड़ जेल नंबर-3 के अधीक्षक मनोज द्विवेदी को कथित तौर पर बताया था कि ’यदि संसद पर दिसंबर 2001 के आतंकवादी हमले में सफलता मिलती, तो वह जम्मू-कश्मीर को एक अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा बनाते और सरकार को बातचीत करने पर मजबूर होना पड़ता।

छह अध्यायों में विभाजित इस दस्तावेज की शुरूआत हमले की बातों के साथ ही होती है और इसका पहला अध्याय 13 दिसंबर के हमले की सारी बातें बयां करता है। द्विवेदी के अनुसार इसका अंत पुलिस द्वारा अंतत: अफजल की गिरफ्तारी के साथ होता है।

उन्होंने अपने दस्तावेज में लिखा है कि ‘उन्हें पूरा भरोसा था कि जिस कार में आईईडी लगाया गया है, उसमें विस्फोट होगा। गुरू ने मुझे बताया कि उन्होंने बमों और विस्फोटकों से लदी कार को हमले की पूर्ववर्ती रात को पुलिस के सामने इस डर से खड़ा कर दिया कि इसे चोरी किया जा सकता है। आश्चर्य की बात है कि किसी पुलिसकर्मी ने इसकी जांच नहीं की।

द्विवेदी को तिहाड़ के अधिकारियों ने यह दस्तावेज पुस्तक के तौर पर प्रकाशित करने की अनुमति नहीं दी है। जिसके अनुसार, ’13 दिसंबर 2001 को हमले में इस्तेमाल कार बम फटा नहीं और अफजल गुरू को आज तक इस बात का पता नहीं चला कि इसमें विस्फोट क्यों नहीं हुआ?’

द्विवेदी ने कहा कि यह दस्तावेज मार्च 2009 से दिसंबर 2010 के बीच अफजल गुरू से मेरी 200 घंटे की बातचीत के बाद तैयार हुआ है।

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