लखनऊ ।। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने मंगलवार को पूरे उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) योजना में हुई कथित अनियमितताओं की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने का आदेश दिया।

लखनऊ पीठ के न्यायमूर्ति प्रदीपकांत और न्यायमूर्ति तुराज अवस्थी की खंडपीठ ने यह आदेश एक स्थानीय पत्रकार द्वारा दायर जनहित याचिका पर दिया। 

याचिकाकर्ता के वकील पिंरस लेनिन ने संवाददाताओं को बताया कि अदालत ने सीबीआई को वर्ष 2005 से लेकर अब तक पूरे उत्तर प्रदेश में एनआरएचएम योजना में हुई धांधली की जांच चार महीने में पूरी करने का निर्देश दिया है। 

उन्होंने कहा कि न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि वह सीबीआई को एनआरएचएम से जुड़े जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराने के साथ जांच में पूरा सहयोग करे।

न्यायालय में दायर जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि राज्य में एनआरएचएम योजना के क्रियान्वयन में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है।

राज्य सरकार की तरफ से न्यायालय में दलील दी गई कि भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) प्रदेश में एनआरएचएम का विशेष लेखा परीक्षण कर रहे हैं, इसिलए ऐसे मोड़ पर इसकी जांच सीबीआई को सौंपना उचित नहीं है।

उल्लेखनीय है कि इस वर्ष अप्रैल में लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (परिवार कल्याण) बी.पी. सिंह की हत्या की जांच के दौरान एनआरएचएम योजना में की गई गड़बड़ियों का खुलासा हुआ था।

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