लखनऊ ।। उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में लोगों ने पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि के खिलाफ शुक्रवार को सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सरकार से मूल्यवृद्धि को वापस लेने की मांग की।

राज्य में वाराणसी, इलाहाबाद, कानपुर, गोरखपुर और राजधानी लखनऊ में लोगों ने अपने-अपने तरीके से प्रदर्शन किया। वाराणसी में लोगों ने मोटरसाइकिल को कूड़े के ढेर में रखकर पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि के खिलाफ अपना रोष प्रकट किया।

एक युवा कारोबारी शैलेश चौरसिया ने कहा, “जिस तरह से आए दिन पेट्रोल के दाम में वृद्धि की जा रही है उससे ऐसा लग रहा है कि आने वाले दिनों में पेट्रोल खरीदकर मोटरसाइकिल चलाना आम आदमी के बस के बाहर की बात हो जाएगी। ऐसे में आम आदमी के लिए मोटरसाइकिल का कोई महत्व नहीं रह जाएगा और फिर उसे कूड़े के ढेर में ही फेंकना पड़ेगा।”

एक निजी कम्पनी में कार्यरत हेमंत सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार मूल्यवृद्धि के पीछे अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ने का तर्क दे रही है जबकि असलियत यह है कि सरकार की गलत नीतियों के कारण मूल्यवृद्धि हो रही है।

एक निजी स्कूल में शिक्षक अविनाश मिश्रा ने कहा कि सरकारी तेल कम्पनियों ने घाटे की मजबूरी का हवाला देकर जो मूल्यवृद्धि की है उससे आम आदमी का दिवाला निकल गया है।

उन्होंने कहा कि पेट्रोल के दामों में बीते डेढ़ वर्षो में करीब 42 फीसदी की बढ़ोत्तरी की गई है। आम आदमी की सरकार होने का दम भरने वाली केंद्र सरकार को आम आदमी की बिल्कुल फिक्र नहीं है।

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