चेन्नई ।। तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में एक भीड़ पर पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी में मरने वालों की संख्या बढ़कर छह हो गई है। एक घायल व्यक्ति ने सोमवार तड़के दम तोड़ दिया। इस घटना को लेकर इलाके में तनाव बना हुआ है।

पुलिस के अनुसार, उग्र भीड़ तमिलनाडु मुस्लिम मुनेत्र कड़गम [टीएमएमके] के संस्थापक जॉन पांडियन को हिरासत में लिए जाने के खिलाफ रविवार को परमाकुडी में विरोध प्रदर्शन कर रही थी। इस दौरान भीड़ ने पथराव और आगजनी शुरू कर दी। पांडियन को उस समय हिरासत में ले लिया गया था, जब वह दलित नेता एम्मानुअल सेकरन की स्मृति में आयोजित समारोह में हिस्सा लेने जा रहे थे।

परमाकुडी में सोमवार को भी तनाव बना हुआ है। इलाके के कुछ स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया है और कुछ इलाकों में बसें सड़कों पर नहीं उतरी हैं।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “स्थिति तनावपूर्ण है। परिजनों को शव सौंपे जाने तक यह स्थिति बनी रहेगी।”

अधिकारी के अनुसार, घटना में घायल हुए कोई 30 पुलिसकर्मियों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने प्रत्येक मृतक के परिजन के लिए 100,000 रुपये मुआवजे की घोषणा की है।

जयललिता ने कहा कि पुलिस ने रामनाथपुरम में कानून-व्यवस्था की स्थिति को बनाए रखने के लिए पांडियन को जिले में प्रवेश करने से रोका था। जयललिता ने कहा, “चूंकि उन्होंने निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया, लिहाजा तूतीकोरिन पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।”

विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने पुलिस गोलीबारी की विस्तृत जांच की मांग की है।

रविवार को एक अन्य घटना में मदुरै में पुलिस ने पांडियन की रिहाई की मांग कर रही एक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए गोलीबारी की। इस घटना में किसी की मौत नहीं हुई है।

एक पुलिस अधिकारी ने मदुरै में बताया कि स्थिति नियंत्रण में है।

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