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Picture Credit - worldbulletin.net

सुन्‍नी वक्‍फ बोर्ड की मानें तो ताजमहल उनकी जागीर है। उनके मुताबिक शाहजहां ने इस इमारत को सुन्‍नी वक्‍फ बोर्ड के नाम किया था।

इस याचिका के साथ बोर्ड सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। जहां चीफ जस्‍टिस दीपक मिश्रा की बेंच ने इस पर सुनवाई की और सुन्‍नी वक्‍फ बोर्ड के वकील को फटकार लगाते हुए शाहजहां के हस्‍ताक्षर वाले दस्‍तावेज पेश करने के लिए कहा।

क्या कहा कोर्ट ने?

कोर्ट ने कहा कि शाहजहां अपने अंतिम समय में सत्‍ता परिवर्तन का दंश झेल रहे थे। उनके पुत्र ने उन्‍हें आगरा फोर्ट में बंदी बनाया हुआ था और वो वहीं से ताजमहल का दीदार करते थे। इस बीच कब और किन परिस्थितियों में उन्‍होंने वक्‍फ बोर्ड के नाम ताजमहल को कर दिया।

कोर्ट ने यह भी कहा कि मुगलकाल के खत्‍म होने के बाद सभी संपत्‍ति पर अंग्रेजो का अधिकार हो गया। उसके बाद जब अंग्रेज देश छोड़ कर गए तो इसमें भारत सरकार का अधिकार हुआ और वर्तमान में एएसआई इसकी देखभाल कर रहा था।

इसके बाद गुस्‍से में कोर्ट ने सुन्‍नी वक्‍फ बोर्ड के वकील को फटकार लगाई और कहा कि ऐसे केस कोर्ट का समय व्‍यर्थ करते हैं। आप हमें या तो दस्‍तावेज दिखाइए या फिर इस केस का कोई आधार नहीं है। इसके बाद बोर्ड के वकील गुजारिश के बाद कोर्ट ने बोर्ड को दस्‍तावेज लाने के लिए 7 दिन का समय दिया है।

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