नई दिल्ली ।। महंगी मोटरसाइकिल बाजार में स्थिति मजबूत करने की रणनीति पर आगे बढ़ते हुए इंडिया यामाहा मोटर प्राइवेट लिमिटेड ने लोकप्रिय मोटरसाइकिल वाईजेडएफ-आर15 का उन्नत संस्करण ‘आर15 वर्जन 2.0’ मंगलवार को बाजार में उतारा। दिल्ली में इस मोटरसाइकिल की एक्स-शो रूम कीमत 1,07,000 रुपये है।

इंडिया यामाहा मोटर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक, हिरोयुकी सुजुकी ने इस मौके पर कहा, “वाईजेडएफ आर15 को पहले जिस प्रकार सराहा गया है उसके कारण नया वर्जन 2.0 को पेश करते हुए मैं बहुत उत्साहित हूं। इसमें पहले मॉडल से अधिक विशेषताएं हैं और इसकी क्षमता अधिक है।”

भारत में महंगी श्रेणी के बाजार में सम्भावनाओं के बारे में उन्होंने कहा, “मौजूदा रुझानों को देखते हुए कहा जा सकता है कि भारत में महंगी श्रेणी की मोटरसाइकिलों के बाजार में बहुत अच्छी सम्भावनाएं हैं। इस श्रेणी के बाजार में भारत में ऐसे काफी ग्राहक हैं, जो दमदार मोटरसाइकिल चाहते हैं।”

वाईजेडएफ आर15 के नए मॉडल में कई सुधार किए गए हैं। इन सुधारों में शामिल हैं इंजिन कंट्रोल यूनिट, ड्राइवट्रेन यूनिट, एल्यूमिनियम स्विंग आर्म, दोनों पहियों की पहले से अधिक चौड़ाई, दो खंडों में विभाजित सीट और एलईडी टेल लाइट।

कम्पनी का दावा है कि 150 सीसी की मोटरसाइकिल श्रेणी में भारत में पहली बार आर15 वर्जन 2.0 में एल्यूमिनियम स्विंग आर्म का इस्तेमाल किया गया है।

यह पूछने पर कि आर15 का पहला संस्करण जब पहले ही बाजार में काफी बढ़िया प्रदर्शन कर रहा था, तो फिर नया संस्करण पेश करने की क्या जरूरत थी, इस पर कम्पनी के राष्ट्रीय बिक्री प्रमुख रॉय कुरियन ने कहा, “पिछले मॉडल के अगले हिस्से को बाजार में काफी सराहना मिली थी, लेकिन ग्राहकों की राय थी कि मोटरसाइलिक के पिछले हिस्से को भी इसी के अनुरूप बेहतर बनाने की जरूरत है। इसी को ध्यान में रखते हुए नए संस्करण में पिछले हिस्से को ऊपर उठाया गया है।”

इसके कारण मोटरसाइकिल का रूप अधिक स्पोर्टी हो गया है। सीट को दो हिस्सों में विभाजित करने के कारण सीट के पिछले हिस्से को अधिक ऊपर उठाना आसान हो गया।

आर15 मोटरसाइकिल को सुपर बाइक का रूप देने की कोशिश की गई है और कम्पनी का दावा है कि 150 सीसी की मोटरसाइकिलों की श्रेणी में आर15 इस तरह की पहली स्पोर्टी मोटरसाइकिल है। आर15 का पहला संस्करण 2008 में पेश किया गया था।

यामाहा देश में 1985 से कारोबार कर रही है। यामाहा 2001 में जापानी कम्पनी यामाहा मोटर कम्पनी लिमिटेड के सौ फीसदी स्वामित्व के तहत आ गई। वर्ष 2008 में मितसुई एंड कम्पनी लिमिटेड के साथ सह-निवेशक बनने के एक करार के बाद कम्पनी का नाम बदलकर ‘इंडिया यामाहा मोटर प्राइवेट लिमिटेड’ कर दिया गया।

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