नई दिल्ली ।। टेलीविजन, मोबाइल और आईपॉड के जन-जन तक पहुंचने के बाद अब टैबलेट (कम्प्यूटर और इंटरनेट की सुविधा वाला मोबाइल उपकरण) ने धीरे-धीरे देश के बाजार में पांव पसारना शुरू कर दिया है। इसे बाजार में उतारने के पहले नौ महीने में टैबलेट निर्माता कम्पनियां देश में 1.58 लाख से अधिक टैबलेट खपा चुकी हैं।

युवाओं के बीच इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर होने वाली बातचीत में टैबलेट आज ताजा-तरीन मुद्दा है और यह बताना प्रासंगिक है कि यह एक तरह का मोबाइल फोन ही है, लेकिन इसमें कम्प्यूटर सम्बंधी अनेक काम को करने की सुविधा होती है साथ ही इंटरनेट का भी मजा लिया जा सकता है। एक तरह से यह मोबाइल और लैपटॉप का मिश्रित संस्करण है।

शोध और परामर्श कम्पनी साइबर मीडिया रिसर्च द्वारा जारी ताजा अध्ययन रिपोर्ट के मुताबिक 30 जून 2011 तक देश में 1.58 लाख टैबलेट की खेप घरेलू बाजार में वितरकों द्वारा खरीदी जा चुकी हैं। इनमें से 70 फीसदी 3जी सुविधा से युक्त हैं, जबकि 30 फीसदी वाईफाई सुविधा से युक्त हैं।

यहां यह भी बता देना प्रासंगिक होगा कि वाईफाई एक तरह का इंटरनेट नेटवर्क होता है और इसमें आपको किसी तार से उपकरण को जोड़ना नहीं होता है। यदि आपके उपकरण में यह सुविधा है, तो आप जब भी वाईफाई से संवेदनशील वातावरण की सीमा में आएंगे, आपका उपकरण खुद ही इंटरनेट से जुड़ जाएगा और एक उपभोक्ता के नाते आम तौर पर आपको इंटरनेट के उपयोग के लिए कोई पैसे भी खर्च नहीं करने होंगे।

पहले नौ महीने में सैमसंग देश में अग्रणी टैबलेट ब्रांड के रूप में उभरा है और विपणन कूटनीति का उपयोग करते हुए यहां के बाजार में पांव जमाने के लिए उसने कीमत घटाने की रणनीति पर अधिक जोर दिया।

सबसे पहले दूरसंचार कम्पनी ओलिव ने जुलाई 2010 में टैबलेट यहां बाजार में उतारी थी। उसके बाद अक्टूबर 2010 में सैमसंग का गैलेक्सी टैब भारतीय बाजार में उतरने वाला पहला बहुराष्ट्रीय टैबलेट था। जनवरी 2011 में एप्पल आईपैड भी आ गया, जो अब तक टैबलेट की दुनिया में सबसे अधिक जाना पहचाना नाम है।

अध्ययन के मुताबिक अब तक वितरकों तक पहुंची संख्या के मुताबिक सैमसंग की घरेलू बाजार में 45.8 फीसदी हिस्सेदारी है। इसके बाद आरआईएम की 21 फीसदी, एप्पल की 18.4 फीसदी और अन्य कम्पनियों की सम्मिलित रूप से 14.8 फीसदी हिस्सेदारी है।

साइबर मीडिया रिसर्च के शोध और परामर्श सेवा केंद्र के उपाध्यक्ष अनिर्बान बनर्जी ने कहा, “छह माह पहले की तुलना में आज यहां अलग-अलग कीमत पर अनेक टैबलेट उपलब्ध हैं, लेकिन आम आदमी के बीच इसे और लोकप्रिय बनाने के लिए जरूरत है जिससे तेज गति वाली इंटरनेट सेवा शुल्क को कम किया जाए।”

आरआईएम का प्लेबुक, एप्पल का आईपैड2, मोटोरोला का जूम और सैमसंग का गैलेक्सी टैब 7 देश में उपलब्ध महंगे बहुराष्ट्रीय टैबलेट ब्रांडों में प्रमुख हैं। अभी बाजार में 8,000 रुपये से 47,000 रुपये के टैबलेट उपलब्ध हैं। शोध संगठन का मानना है कि आगे 7,000 रुपये से 15,000 रुपये की कीमत सीमा में कई और ब्रांड बाजार में उतारे जाएंगे।

शोध के मुताबिक 2011 में वितरकों द्वारा खरीदे गए कुल टैबलेट की संख्या 2,75,000 तक पहुंच सकती है और इस वर्ष तक 35 कम्पनियों के कुल 90 मॉडल के बाजार में उपलब्ध हो जाने का अनुमान है।

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