नई दिल्ली, Hindi7.com ।। कल यानी 13 जुलाई को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई एक के बाद एक हुए तीन सीरियल ब्लास्टों से दहल गया। इस ब्लास्ट में अंतिम जानकारी के मुताबिक, 23 लोग मारे गये हैं, जबकि 141 लोग घायल हैं। ब्लास्ट के बाद हर तरफ अफरा-तफरी मची थी और लोग इधर-उधर भाग रहे थे।

गौरतलब है कि 26/11 [2008] के मुंबई आतंकी घटना में पकड़े गये एकमात्र जीवित आतंकी कसाब का 13 जुलाई को ही जन्मदिन भी था। माना जा रहा है कि आतंकियों ने इसीलिए 13 जुलाई को अपने घातक उद्देश्यों को अंजाम दिया है। धमाके के जांच के लिए एनआईए की टीम मुंबई रवाना हो गई है।

ध्यान रहे कि तीन दिनों तक मुंबई को दहलाने वाले इस पाकिस्तान मूल के आतंकवादी को कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई है, लेकिन अदालती प्रक्रिया के कारण इसे अभी तक फांसी नहीं दिया जा सका है। कसाब मुंबई के आर्थर जेल में बंद है।

मुंबई में पिछले 18 साल में बीते बुधवार को 14वीं बार आतंकवादियों ने हमला किया। भीड़भाड़ वाले तीन स्थानों पर शाम के समय 10 मिनट के अंदर हुए तीन विस्फोटों में 23 लोग मारे गए, जबकि 141 से अधिक घायल हुए हैं। कहा जा रहा है कि एक जिंदा बम सांताक्रूज क्षेत्र से बरामद किया गया है।

बुधवार शाम करीब 6:15 बजे झावेरी बाजार स्थित चांदी के आभूषणों के व्यापारी दीपक सेन ने अपने नौकर से भेल मंगवाई। वह भेल की पुड़िया खोल भी नहीं पाए थे कि एक जोरदार धमाके ने उनकी दुकान की ट्यूबलाइटें और शोकेस के कांच को झनझना कर तोड़ दिया। सेन को आग का एक बड़ा-सा गोला ऊपर की ओर जाता दिखा। इसके बाद आस-पास के खान-पान की दुकानों में आग लग गई। सामने सड़क पर खड़े होकर पापड़ बेच रहे खोमचेवाले के परखच्चे उड़ गए थे। तीन दर्जन से ज्यादा लोग बुरी तरह झुलसकर जमीन पर गिर गए थे। विस्फोट की मार से बच गए लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। लेकिन कुछ ही पलों में लोग फिर सजग हो गए और जमीन पर निस्तेज पड़े घायलों को लेकर उपलब्ध साधनों से ही निकट के जीटी अस्पताल की ओर ले जाने लगे।

लगभग यही दृश्य कुछ मिनटों के अंदर ही पहले ऑपेरा हाउस पर और फिर दादर रेलवे स्टेशन के पास दोहराया गया। ऑपेरा हाउस हीरों के कारोबार का न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में प्रमुख केंद्र है। यहां हुआ विस्फोट भी पंचरत्न बिल्डिंग एवं प्रसाद चैंबर के बीच स्थित टाटा रोड की खाऊ गली में हुआ। दादर का विस्फोट बेस्ट के एक बस स्टॉप की छत पर विस्फोटक रखकर किया गया।

इन धमाकों की जिम्मेदारी किसी आतंकी संगठन ने नहीं ली है, लेकिन विस्फोट की शैली देखकर लगता है कि इसे इंडियन मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा की ओर से अंजाम दिया गया है।

मुंबई के पुलिस आयुक्त अरूप पटनायक ने विस्फोटस्थलों का दौरा करने के बाद बताया कि इन विस्फोटों में इम्प्रूवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस का उपयोग किया गया है। विस्फोट स्थल से अमोनियम नाइट्रेट के सबूत भी पाए गए हैं।

विस्फोट के कुछ ही देर बाद मुंबई पुलिस के बम निरोधक दस्ते सहित 26 नवंबर 2008 के आतंकी हमले के बाद गठित की गई विशेष सुरक्षा बलों ने घटनास्थल सहित मुंबई के सभी प्रमुख स्थानों को अपनी सुरक्षा घेरे में ले लिया है। घायलों के लिए सभी अस्पतालों में विशेष प्रबंध किए गए हैं। इन्हीं इंतजामों का जायजा लेने जीटी अस्पताल पहुंचे मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण को, वहां भाजपा और शिवसेना के कार्यकर्ताओं की नारेबाजी का भी सामना करना पड़ा।

उपचार में लगे डाक्टरों के अनुसार पीड़ितों के शरीर से काफी खून निकल गया है और कई लोग झुलस गए हैं। मृतकों की संख्या बढ़ भी सकती है।

राज्य के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा है कि किसी भी व्यक्ति को बिना किसी कारण घर से बाहर नहीं निकलें। भीड़-भाड़ वाले स्थान पर न जाएं और साथ ही अफवाहों पर ध्यान न दें। प्रशासन को अपना काम करने दें। यह आतंकवादी हमला है और शांति भंग करने के उद्देश्य से किया गया है।

चव्हाण ने कहा कि उन अस्पतालों में आपात उपकरण मौजूद हैं, जहां घायलों को भर्ती कराया गया है। कई एंबुलेंस को भी लगाया गया है।

यह पूछे जाने पर कि विस्फोट के बारे में कोई जानकारी मिली है, मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी हम राहत एवं बचाव कार्य पर ध्यान दे रहे हैं। जब उपलब्ध होगा, तब जरूरी सूचना को सार्वजनिक किया जाएगा।

घटनास्थन का दौरान करने वाले राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि लोगों को शहर के पांच अस्पतालों तक ले जाने के लिए 21 एम्बुलेंस और दमकल वाहनों को लगाया गया है।

मुंबई के पुलिस आयुक्त अरूप पटनायक ने कहा कि ओपेरा हाउस और झावेरी बाजार में हुए विस्फोट दादर धमाके के मुकाबले ज्यादा तीवता वाले थे। पटनायक ने कहा कि यह एक आतंकवादी हमला है। झावेरी बाजार में हुआ विस्फोट, आइईडी से किया गया है, जो एक छाते में रखा हुआ था। उन्होंने कहा कि अभी कहना जल्दबाजी होगी कि विस्फोटों में किस तरह के विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया था। आयुक्त ने कहा कि एनएसजी, बीडीडीएस, एटीएस और दूसरी सुरक्षा एजेंसियां मौके पर पहुंच गई हैं। राहत कार्य चलाया जा रहा है। पूरे शहर की नाकेबंदी कर दी गई है।

कहां-कहां हुए धमाके

झावेरी बाजार – पहला विस्फोट मशहूर झावेरी बाजार में हुआ। मुख्यत: सोने-चांदी और जवाहरातों का यह बाजार मुंबई की कुलदेवी मुंबादेवी मंदिर के चारों ओर बसा है। यहां दिन भर में करोड़ों रुपयों के आभूषणों का खुदरा और थोक कारोबार होता है। झावेरी बाजार को देश का एक प्रमुख आभूषण मंडी माना जाता है। यहां सभी प्रमुख आभूषण विक्रेताओं के बड़े-बड़े शोरूम हैं। अब तक तीन बार इस क्षेत्र को आतंकियों ने अपना शिकार बनाया है। मुंबई की कुलदेवी मानी जानेवाली मुंबादेवी का मंदिर भी विस्फोटस्थल से मात्र 100 फुट की दूरी पर है। इससे पहले यहां 12 मार्च, 1993 और 25 अगस्त, 2003 को विस्फोट हो चुके हैं।

ओपेरा हाउस – यह भारत का एंटवर्प कहा जाने वाला प्रमुख हीरा बाजार है। इसी कारण से इसकी पहचान पूरे दुनिया में है। यहां पंचरत्न और प्रसाद चैंबर में देश के प्रमुख हीरा व्यापारियों के कार्यालय हैं। इन दोनों बिल्डिंगों के बीच स्थित टाटा रोड को खाऊ गली के नाम से भी जाना जाता है। प्रसाद चैंबर के पास दूसरा विस्फोट हुआ। आतंकियों ने ओपेरा हाउस को पहली बार निशाना बनाया है।

दादर का कबूतरखाना क्षेत्र – तीसरा और आखिरी विस्फोट मध्य और पश्चिम रेलवे के संगमस्थल दादर स्टेशन से कुछ ही दूरी पर, जो लगभग 100 मीटर की होगी, दादर के कबूतरखाना इलाके में हुआ। इस धमाके के लिए एस.के. भोले मार्ग पर स्थित बस स्टॉप की छत पर विस्फोटक बांधा गया था। धमाका इतना जोरदार था कि बस स्टॉप के ठीक पीछे स्थित होटल, दुकानों और आस-पास की इमारतों में लगे कांच टूट गये।

साफ दिखा तालमेल का अभाव

एक बार फिर केंद्र और राज्य सरकारों के बीच तालमेल का अभाव नजर आया। मुंबई में विस्फोटों के बाद केंद्र, राज्य और पुलिस प्रशासन अलग-अलग दावे करते नजर आये। अजीब बात तो यह कि विस्फोटों के कुछ ही मिनटों बाद केंद्र ने इसे आतंकी घटना बता दिया था, लेकिन महाराष्ट्र पुलिस के अधिकारी दादर में विस्फोट की घटना को बिजली के खंभे में हुआ धमाका बता रहे थे।

इसी तरह विस्फोट के करीब दो घंटे के बाद मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण ने मृतकों की संख्या 13 और घायलों की संख्या 85 बताई, जबकि इसी वक्त दिल्ली में गृहमंत्री पी. चिदंबरम मृतकों की संख्या 10 और घायलों की संख्या 54 बता रहे थे। वहीं मुंबई पुलिस मरने वालों की संख्या 15 बता रही थी। पुलिस आयुक्त अरूप पटनायक कह रहे थे कि विस्फोट 6:30 से 7:00 बजे के बीच हुए हैं, जबकि दस मिनट के अंतराल में तीन धमाके हो चुके थे।

मुंबई पुलिस नहीं दिखी मुस्तैद

बम धमाके के तुरंत बाद सबूतों को नष्ट होने से बचाने के लिए पुलिस कोई खास प्रयास नहीं कर रही थी। मुंबई पुलिस भीड़ को भी नियंत्रित नहीं कर पा रही थी। स्थानीय पुलिस ने विस्फोट स्थलों को घेरने के लिए कोई तत्परता नहीं दिखाई और भीड़ मौका-ए-वारदात पर टहलते रही।

अस्पतालों में मची है अफरा-तफरी

मुंबई के सभी प्रमुख अस्पतालों में 80 से अधिक घायलों को भर्ती कराया गया है। इनमें से अधिकांश अस्पतालों में अफरा-तफरी मची है। ज्यादातर घायलों को जे.जे., सेंट जॉर्ज, जीटी, केईएम और हरकिशनदास अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

चिकित्सा कर्मचारी इस आपात स्थिति से निपटने में संघर्ष कर रहे हैं। कई घायलों को तो एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल की ओर भेज दिया गया है। इससे घायलों को काफी परेशानी हो रही है।

सरकार द्वारा संचालित जे.जे. अस्पताल में 17 घायलों को भर्ती कराया गया है। हरिकिशन दास अस्पताल में 29 घायलों का उपचार चल रहा है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जी.टी. अस्पताल में 19 लोगों को भर्ती कराया गया है। इनमें से एक व्यक्ति की हालत गंभीर है। बताया जाता है कि सैफी अस्पताल में पांच और हरिकिशनदास अस्पताल में चार लोगों की मौत हे गई है।

प्रधानमंत्री ने क्या कहा ?

मुम्बई में हुए श्रृंखलाबद्ध बम विस्फोट की कड़ी निंदा करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मुम्बईवासियों से शांत और एकबद्ध रहने की अपील की है। मनमोहन ने कहा कि मैं मुम्बई में हुए बम विस्फोटों की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। मैं मुम्बई के लोगों से अपील करता हूं कि वे शांत और एकबद्ध रहें।

प्रधानमंत्री ने देश के गृह मंत्री पी. चिदंबरम से इस विषय में बात करके सभी जरूरी उपाय करने और उन्हें घटनाक्रमों से अवगत कराते रहने को कहा है। मुम्बई में हुए तीन विस्फोटों से जुड़े घटनाक्रमों की निगरानी कर रहे प्रधानमंत्री ने इस विषय में चिदंबरम और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण से बात की है और मामले पर नजर रख रहे हैं।

चिदंबरम मुंबई में

गृहमंत्री पी. चिदंबरम हालात का जायजा लेने और घटना में घायल लोगों एवं मृतकों के परिजनों से मुलाकात के लिए देर रात मुंबई पहुंचे। चिदंबरम ने तीनों विस्फोट स्थलों का दौरा किया। ओपेरा हाउस में चिदंबरम के साथ राज्य के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण और स्थानीय सांसद मिलिंद देवड़ा भी गए थे। गृहमंत्री प्रदेश के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण और राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे।

उच्च स्तरीय बैठक के बाद चिदंबरम ने क्या कहा ?

केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने उच्च स्तरीय बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए माना कि यह आतंकी हमला है। उन्होंने इस सीरियल ब्लास्ट में 10 लोगों के मारे जाने और 54 लोगों के घायल होने की बात कही है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा है कि मरने वालों की संख्या अभी बढ़ सकती है।  उन्होंने कहा कि ब्लास्ट के नेचर की जांच की जा रही है। इसके ठीक बाद मुख्यमंत्री चव्हाण ने 17 लोगों के मारे जाने और 81 लोगों के घायल होने की औपचारिक तौर पर पुष्टि कर दी।

क्या कहा केंद्रीय गृह सचिव आर . के. सिंह ने ?

केंद्रीय गृह सचिव आर . के. सिंह ने कहा कि एक विस्फोट मारुति एस्टीम कार में हुआ और दूसरा विस्फोट मोटर साइकिल में हुआ।

लोकल मोबाइल नेटवर्क जाम

मुंबई में लोकल मोबाइल नेटवर्क जाम हो गया है। इस कारण से लोगों में और घबराहट फैल गई है। लोग अपने मित्रों-रिश्तेदारों की जानकारी नहीं ले पा रहे हैं। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि जहां तक हो सके बाहर न निकलें, क्योंकि और भी विस्फोटक छिपाए गए हो सकते हैं। 

सभी राज्य हैं हाई अलर्ट पर

सभी राज्यों में हाई अलर्ट कर दिया गया है। पुलिस ने कहा है कि वह इन धमाकों की प्रकृति की जांच कर रही है। दिल्ली में उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय, राज्य सरकार और मुंबई पुलिस के लगातार संपर्क में है। एनएसजी को सतर्क कर दिया गया है। मुंबई पुलिस ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को बताया है कि तीनों धमाकों में आईईडी का इस्तेमाल किया गया है।

टैक्सी वाले हैं परेशान

मुंबई के टैक्सी वालों की यूनियन ने गुरुवार को अपनी प्रबंध समिति की बैठक बुलाई है। इसका मकसद बुधवार शाम को महानगर को दहलाने वाले सिलसिलेवार धमाकों के बाद अपनी रणनीति बनाना है। टैक्सी वालों को डर है कि धमाकों की जांच को लेकर पुलिस उन्हें नाहक ही परेशान कर सकती है।

मुंबई टैक्सीमैन यूनियन के अध्यक्ष एएल कादरोज ने स्पष्ट किया कि इन धमाकों में काले और पीले रंग वाली कोई टैक्सी इस्तेमाल नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि दादर में हुए धमाके में जिस टैक्सी को नुकसान पहुंचने की बात कही जा रही है, वह एक निजी टूरिस्ट कैब है। अभी यह भी स्पष्ट नहीं हुआ है कि क्या बम कैब के अंदर ही रखा था।

कादरोज के मुताबिक, आतंकी हमलों के दौरान नुकसान उठाने वाले टैक्सी वालों की कोई सुध नहीं लेता। हमने गुरुवार को प्रबंध समिति की बैठक बुलाई है। इसमें हम अपने टैक्सी चालकों की सुरक्षा और बचाव को ध्यान में रखकर कोई निर्णय लेंगे।

हेल्पलाइन 

केईएम हॉस्पिटल – 022-24136051 

नायर हॉस्पिटल – 022-23085379 

हरकिशनदास हॉस्पिटल – 022-23855555/30095555 

सैफी हॉस्पिटल – 022-67570111 

पुलिस कंट्रोल रूम – 022- 22621855 , 22621983 , 22625020 , 22641449 ,22620111

आतंकवादियों का सॉफ्ट टारगेट रहा है मुंबई

देश की औद्योगिक राजधानी हमेशा से आतंकियों के निशाने पर रही है। वर्ष 1993 से अब तक मुंबई में एक दर्जन से अधिक बम धमाके हो चुके हैं। इन बम धमाकों में अब तक लगभग 500 लोगों की जान जा चुकी है। लगभग 1700 लोग घायल हुए हैं। कुछ अभागे लोग, तो आज भी इन धमाकों का दंश झेल रहे हैं।

मुंबई में 24 जनवरी 1998 को मलाड में हुए बम धमाके में भले ही न कोई घायल हुआ हो और न किसी की मौत हुई हो, लेकिन इसके एक महीने बाद ही 27 फरवरी 1998 को विरार में हुए बम धमाके में 9 लोगों की मौत हो गई थी।

इसके बाद चार साल तक कोई धमाका नहीं हुआ। इस लंबी खामोशी के बाद 2 दिसंबर 2002 को मुंबई के घाटकोपर में बम धमाका हुआ, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई और 31 लोग घायल हो गए थे। इस धमाके की दहशत से मुंबईवासी अभी उबर भी नहीं पाए थे कि 6 दिसंबर 2002 को मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर फिर से बम धमाका हुआ। इस धमाके ने किसी की जीन तो नहीं ली, लेकिन 25 लोग घायल हो गए।

मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर हुए धमाके को अभी दो महीने भी नहीं हुए थे कि 27 जनवरी 2003 को गणतंत्र दिवस के दूसरे दिन ही विले पार्ले में फिर से एक बम धमाका  हो गया। इसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और 25 अन्य घायल हो गये। बड़ी सफलता हाथ न लगने से निराश आतंकियों ने 13 मार्च 2003 को मुंलुंड रेलवे स्टेशन पर फिर से धमाका किया। इसमें 11 लोग मारे गये और 80 घायल हो गये।

इसके बाद 14 अप्रैल 2003 को बांद्रा में बम धमाका हुआ, जिसमें एक व्यक्ति मारा गया। इसी वर्ष 29 जुलाई को घाटकोपर में हुए बम धमाके में तीन लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 34 लोग घायल हो गए थे। एक महीने बाद 25 अगस्त 2003 को गेट वे ऑफ इंडिया और झावेरी बाजार में हुए बम धमाके में 50 लोग मारे गए और 150 घायल हो गए।

11 जुलाई 2006 को मुंबई की लोकल ट्रेनों में 7 स्थानों पर 7 बम धमाके हुए। इस धमाके ने 181 लोगों की जिंदगी छिन ली और 890 लोग घायल हुए, जो आज भी अपनी पीड़ा से पूरी तरह निजात नहीं पा सके हैं।

26 नवंबर 2008 की आतंकी घटना तो अब भी लोगों के जेहन में ताजा होगी। इस हमले में 10 आतंकियों सहित 164 लोग मारे गए थे और 308 से अधिक लोग घायल हुए थे।

सक्रिय हुए स्लीपर सेल

बीते डेढ़ माह के दौरान देश भर में सिमी व इंडियन मुजाहिदीन के 20 से अधिक आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है। अब मुंबई में सिलसिलेवार तीन धमाके हुए हैं। इससे प्रतीत होता है कि इंडियन मुजाहिदीन और इससे जुड़े लोग फिर से सक्रिय होने की कोशिश कर रहे हैं। इन धमाकों से ठीक एक दिन पहले महाराष्ट्र एटीएस ने इंडियन मुजाहिदीन के दो आतंकियों को गिरफ्तार किया था। वहीं मुंबई में ही 31 मई को महाराष्ट्र एटीएस के हत्थे चढ़े एक शख्स ने सीबीआइ को ई-मेल कर देश के कई बड़े शहरों में आतंकी हमलों को अंजाम देने की धमकी दी थी।

भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों के बीच इस महीने 26 और 27 जुलाई को बातचीत होनी है। वहीं 19 जुलाई को भारत के साथ रणनीतिक वार्ता के लिए अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन भी नई दिल्ली पधार रही हैं।

आतंकी पहले भी भारत-पाक वार्ता की पटरियों को उखाड़ने की कोशिश करते रहे हैं। नवंबर 2008 को भी मुंबई को उसी समय निशाना बनाया गया था, जब पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भारत के दौरे पर थे।

बीते दिनों मध्यप्रदेश में सिमी और इंडियन मुजाहिदीन के डेढ़ दर्जन के अधिक लोग पकड़े गए हैं। वहीं प्रतिबंधित संगठन सिमी के एक सक्रिय आतंकी को मध्यप्रदेश पुलिस ने कोचीन हवाई अड्डे पर धर दबोचा था। इसके अलावा बीते दिनों सिमी और इंडियन मुजाहिदीन के लोग कर्नाटक से भी गिरफ्तार किए गए हैं।

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