मुंबई/शंघाई ।। यूरोपीय और अमरीकी बाजारों में गिरावट के बाद शुक्रवार को एशियाई शेयर बाजारों में एक बार फिर भारी बिकवाली का दौर देखा जा रहा है।

जोरदार बिकवाली के कारण सूचकांक धड़ाम से नीच गिर गये।

भारत के शेयर बाजारों में सप्ताह के अंतिम कारोबारी दिवस शुक्रवार को भी गिरावट दर्ज की गई। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 199.09 अंकों की गिरावट के साथ 16162.06 पर जबकि निफ्टी 55.90 अंकों की गिरावट के साथ 4867.79 पर बंद हुआ।

आज सुबह बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 138.78 अंकों की गिरावट के साथ 16222.37 पर, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 49.90 अंकों की गिरावट के साथ 4873.75 पर खुला। कारोबार के दौरान सेंसेक्स ने 16368.41 के ऊपरी और 16052.47 के निचले स्तर को छुआ। निफ्टी ने 4930.25 के ऊपरी और 4829.60 के निचले स्तर तक कारोबार किया।

सेंसेक्स में शामिल शिप्ला (2.09 फीसदी), टाटा पावर (1.37 फीसदी), एसबीई (1.03 फीसदी), भारती एयरटेल (0.77 फीसदी), जयप्रकाश एसोसिएट्स (0.67 फीसदी) और सन फार्मा (0.59) के शेयरों में आधा फीसदी से अधिक की तेजी, जबकि टाटा मोटर्स (4.81 फीसदी), हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (3.77 फीसदी), एचडीएफसी बैंक (3.10 फीसदी), एचडीएफसी (2.82 फीसदी) और एल एंड टी (2.70 फीसदी) के शेयरों में अच्छी गिरावट दर्ज की गई।

बीएसई में तेज खपत वाली उपभोक्ता वस्तु सेक्टर (0.15 फीसदी) में मामूली तेजी जबकि बाकी सभी सेक्टरों में गिरावट आई। धातु (2.28 फीसदी), पूंजीगत वस्तु (1.84 फीसदी), वाहन (1.59 फीसदी), उपभोक्ता वस्तु (1.44 फीसदी), बैंकिंग (1.35 फीसदी) और तेल एवं गैस (1.34 फीसदी) सेक्टर में एक फीसदी से अधिक की गिरावट आई। कुल 986 कंपनियों के शेयरों में तेजी जबकि 1805 कंपनियों के शेयरों में गिरावट का रुख देखा गया।

बीएसई का मिडकैप 52.85 अंकों की गिरावट के साथ 6222.80 और स्मॉलकैप 80.40 अंकों की गिरावट के साथ 7041.12 पर बंद हुआ।

दक्षिण कोरिया के मुख्य सूचकांक कोस्पी में 3.6 प्रतिशत और ऑस्ट्रेलिया के एएसएक्स में 0.8 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। जापान का शेयर बाज़ार छुट्टी की वजह से बंद है। गिरावट का यह दौर अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष और विश्व बैंक की ओर से वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर टिप्पणी के बाद शुरु हुआ है।

विश्व बैंक के अध्यक्ष रॉबर्ट जोएलिक ने कहा है कि विश्व एक खतरनाक दौर से गुजर रहा है। उन्होंने सलाह दी है कि अमीर देशों को इससे निपटने के लिए तुरंत कदम उठाने चाहिए, वरना उनकी समस्या विकासशील देशों तक भी पहुंच जाएगी। वहीं, अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष की प्रमुख क्रिस्टीन लगार्दे ने विकासशील देशों से वैश्विक विकास के लिए और कदम उठाने की अपील की है।

यूरोप और अमरीकी बाजारों में हुई भारी बिकवाली के बाद शुक्रवार को एशियाई शेयर बाजार गिरावट के साथ खुले। दक्षिण कोरिया के मुख्य सूचकांक कोस्पी में 3.6 प्रतिशत और ऑस्ट्रेलिया के एएसएक्स में 0.8 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। इससे पहले यूरोप के प्रमुख शेयरों में पांच प्रतिशत तक की गिरावट देखी गई। अमरीकी शेयर बाजार डाउ जोन्स 3.51 प्रतिशत और नास्डैक 3.25 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ।

इससे पहले अमरीकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की ओर से अमरीकी अर्थव्यवस्था को लेकर की गई टिप्पणी के कारण बाजार में गिरावट शुरु हुई थी, जिसका असर गुरुवार को एशियाई बाजारों पर देखा गया था। भारत में भी भारी बिकवाली के बीच शेयर बाजार 704 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ था।

बाजारों में मची उथल-पुथल के बीच संयुक्त राष्ट्र की बैठक के लिए एकत्रित हुए जी-20 देशों के नेताओं ने विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष से मुलाकात की है और नीति निर्धारकों से और अधिक कदम उठाने की अपील की है।

ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, इंडोनेशिया, ब्रिटेन, मैक्सिको, दक्षिण कोरिया और दक्षिण अफ्रीका ने फ्रांस को लिखे एक खुले पत्र में कहा है कि “यूरोजोन की सरकारों को यूरो संकट से निपटने के लिए तुरंत कदम उठाने चाहिए। सभी यूरोपीय अर्थव्यवस्थाओं को कर्ज की समस्या से निपटना चाहिए, जिसका असर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी हो रहा है।” इस समय फ्रांस जी-20 का नेतृत्व कर रहा है।

इसके अलावा ब्रिक्स देश, ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ़्रीका ने कहा है कि वे वैश्विक आर्थिक मंदी से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष और दूसरी वित्तीय संस्थाओं को आर्थिक मदद मुहैया करवा सकते हैं। विश्लेषकों का कहना है कि राजनीतिक स्तर पर और नीति के स्तर पर लिए जाने वाले फैसलों का असर बाजार पर अवश्य होगा।

Rate this post

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here