एक शोध से पता चला है कि सुंदर चेहरे वाले लोग औसत दिखने वाले इंसानों की तुलना में अधिक स्वार्थी होते हैं। ऐसे लोग दूसरों की बजाय अपने हित के बारे में ही अधिक सोचते हैं। ब्रिटेन के एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने अपने शोध के दौरान 83 वर्ष की उम्र तक के 292 लोगों के चेहरों का अध्ययन किया।
अध्ययन के दौरान विशेष तौर पर चेहरे की 15 विशेषताओं पर नजर रखी गयी थी। इनमें आंखों, नाक, मुंह और कानों की स्थिति को शामिल किया गया था। जिन लोगों के चेहरों में उपरोक्त चीजों की स्थिति में सामंजस्य नहीं पाया गया या जिनके चेहरे विषम पाए गए, उन्होंने अपने जीवन में अधिक संघर्ष किया और उनका बचपन भी काफी दिक्कतों से भरा रहा।
ऐसे लोग कुपोषण, बीमारी, सिगरेट के धुएं से पीड़ित और प्रदूषण की मार झेले हुए प्रतीत होते हैं, जबकि संयमित चेहरों वाले लोग ज्यादा स्वस्थ और अधिक आकर्षक दिखते हैं। ऐसे लोग अपने जीवन में सिर्फ और सिर्फ अपने बारे में सोचते देखे गए। ऐसे लोगों के चेहरों को देखकर लगता है कि इनका विकास स्थायित्व भरा रहा है, लेकिन इससे उनके मनोभाव पर कोई सकारात्मक असर नहीं पड़ा है और इस कारण वे अपने बारे में अधिक सोचते हैं।