मुम्बई ।। ‘गाइड’ और ‘हरे रामा हरे कृष्णा’ जैसी शानदार फिल्में देने वाले हिंदी सिनेमा के सदाबहार अभिनेता देव आनंद नहीं रहे। शनिवार देर रात दिल का दौरा पड़ने से लंदन में उनका निधन हो गया। वह 88 वर्ष के थे।

उनके निधन से राजनीति, बॉलीवुड की हस्तियों के साथ-साथ प्रशंसकों में भी शोक की लहर दौड़ गई है। राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित राजनीतिक दलों के विभिन्न नेताओं और फिल्म जगत की हस्तियों ने उनके निधन पर गहरा दु:ख व्यक्त किया।

देव आनंद के प्रबंधक मोहन चूड़ीवाला ने आईएएनएस को बताया कि देव आनंद का निधन लंदन के एक होटल में हुआ, जहां वह अपने बेटे सुनील के साथ ठहरे हुए थे। सुनील ने जब देखा कि पिता के शरीर में कोई हरकत नहीं हो रही है, उन्होंने चिकित्सक को बुलाया। चिकित्सक ने बताया कि दिल का दौरा पड़ने से रात 10 बजे ही उनका निधन हो गया।

हरदिल अजीज पद्म भूषण से सम्मानित देव आनंद अपने पीछे पत्नी (पूर्व अभिनेत्री कल्पना कार्तिक), बेटे सुनील और एक बेटी को छोड़ गए हैं।

चूड़ीवाला के अनुसार, “अंतिम संस्कार अगले सप्ताह लंदन में ही होगा। मंगलवार के बाद ही उनका अंतिम संस्कार होगा। जब तक उनकी बेटी वहां नहीं पहुंच जाती, शव का अंतिम संस्कार नहीं होगा। फिलहाल उनका शव अस्पताल में रखा गया है।”

श्वेत-श्याम फिल्मों के दौर से अभिनय की शुरुआत करने वाले देव आनंद ने अभिनेता और निर्माता के रूप में फिल्म उद्योग को 65 साल तक सेवा दी। उनकी पहली फिल्म 1946 में प्रदर्शित ‘हम एक हैं’ थी।

भारतीय सिनेमा के ‘मिस्टर चार्मिग व एडोनिस’ के रूप में ख्यात देव आनंद को सिनेमा जगत में उनके अद्वितीय योगदान के लिए दादा साहब फाल्के पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है। फिल्म जगत में उन्होंने बिना थके, बिना रुके काम किया। उनकी नवीनतम फिल्म ‘चार्जशीट’ थी, जो इसी साल प्रदर्शित हुई। फिल्म के निर्देशन के साथ-साथ उन्होंने इसमें अभिनय भी किया था।

जीवन के प्रति उनकी अद्भुत दिलचस्पी और जिजीविषा तमाम लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत बन गई। उनके निधन पर शोक जताते हुए राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील ने कहा, “देव आनंद प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता के साथ ही निर्माता, निर्देशक और लेखक थे, जिन्होंने हिंदी सिनेमा को बड़ी ऊंचाई प्रदान की। ‘टैक्सी ड्राइवर’, ‘मुनीमजी’, ‘गाइड’, ‘जॉनी मेरा नाम’, ‘हरे रामा हरे कृष्णा’ और ‘देश परदेश’ जैसी फिल्मों में उल्लेखनीय अभिनय के लिए वह हमेशा याद किए जाएंगे।”

वहीं, उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा, “जिस समर्पण के साथ उन्होंने अभिनय, निर्देशन एवं निर्माण के क्षेत्र में काम किया, वह सिनेमा के प्रति उनके गहरे लगाव को दर्शाता है।”

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि देव आनंद ने अपने काम से लोगों के दिल में जो जगह बनाई थी और कला जगत में जो योगदान दिया था, उसे देखते हुए उन्हें पद्म भूषण तथा कई अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। उनके प्रशंसक ‘गाइड’, ‘हम दोनों’ और ‘प्रेम पुजारी’ जैसी फिल्मों को हमेशा याद रखेंगे।

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अम्बिका सोनी ने कहा कि अपने बहुआयामी कौशल था रचनात्मकता से वह भारतीय सिनेमा के आदर्श के रूप में उभरे और कई पीढ़ियों के बीच सदाबहार बने।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कहा कि देव आनंद के निधन के साथ ही भारतीय फिल्म उद्योग में एक युग का अंत हो गया।

वहीं, देव आनंद के निधन से बॉलीवुड में शोक की लहर दौड़ गई है। देव साहब के निधन पर अमिताभ बच्चन ने कहा, “एक युग का अंत हो गया। देव आनंद के जाने से जो जगह खाली हुई है, उसकी पूर्ति शायद कभी नहीं हो पाएगी।”

देव साहब के निधन से दुखी अनुपम खेर ने कहा, “देव साहब दयालु, साहसी, उत्साही, स्पष्टवादी, आकर्षक एवं महान इंसान थे।”

देव आनंद के भांजे व चर्चित फिल्मकार शेखर कपूर ने कहा, “वह हर मिनट काम करते रहे। उनसे सीखने के लिए बहुत कुछ है।”

गायिका श्रेया घोषाल ने कहा, “देव आनंद सिनेमा के उत्कृष्ट व्यक्ति थे।” निर्देशक संगीत सिवन ने कहा, “देव आनंद का जाना दु:खद है।”

अभिनेत्री दिया मिर्जा ने कहा, “देव साहब की शिष्टता, आकर्षण, आशावादिता और अभिनय को कभी भुलाया नहीं जा सकता।”

फिल्मकार महेश भट्ट ने कहा, “मैं इस महान कलाकार को सलाम करता हूं।” अभिनेत्री शबाना आजमी ने कहा, “मैं देव साहब के उत्साह को सलाम करती हूं।”

प्रख्यात गायिका लता मंगेशकर ने देव आनंद को एक ऐसे व्यक्ति के रूप में याद किया, जिन्हें जीवन में दिलचस्पी थी और जिन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और न ही किसी चीज के लिए अफसोस किया।

जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने रविवार को सदाबहार अभिनेता देव आनंद के निधन को एक युग का अंत बताया और कहा कि वह हमेशा याद किए जाएंगे।

देव आनंद के एक करीबी सहयोगी, चंद्र शेखर (89) ने आईएएनएस से कहा, “देव साहब ने फिल्म जगत को अपनी आत्मा समर्पित की थी और अब उन्होंने अपनी जिंदगी दे दी.. मुझे निजी तौर पर लगता है कि शायद वह अपनी हालिया फिल्म के हश्र को बर्दाश्त नहीं कर पाए।”

केंद्रीय मंत्री विलासराव देशमुख ने कहा कि देव आनंद के दुखद एवं आकस्मिक निधन से हिंदी फिल्म उद्योग को बड़ा नुकसान हुआ है।

पिछले 22 वर्षो से देव आनंद का वाहन चला रहे प्रेम दुबे ने कहा, “उन्होंने फिल्म उद्योग को पूरा जीवन दे दिया। वह देवता थे।”

अभिनेत्री प्रीति जिंटा ने ट्विटर पर लिखा, “देव साहब ने अपने जीवन को सम्पूर्णता में जीकर हम सभी को प्रेरित किया।”

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