hind ocean rim group
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बेंगलुरू ।। भारत, मंगलवार को पहली बार हिंद महासागर रिम देशों के संगठन का अध्यक्ष बना। भारत को यह अध्यक्षता संगठन से सम्बद्ध देशों की यहां आयोजित मंत्रीस्तरीय बैठक में मिली।

विदेश मंत्री एस.एम. कृष्णा ने हिंद महासागर क्षेत्रीय सहयोग रिम संगठन (आईओआर-एआरसी) की मंत्रि परिषद की यहां आयोजित 11वीं बैठक में अध्यक्षता सम्भाली। इस समूह का गठन 18 सदस्य देशों के बीच आर्थिक एवं सांस्कृतिक सम्बंधों को बढ़ावा देने के लिए 15 वर्ष पहले किया गया था।

कृष्णा ने समूह के पूर्व अध्यक्ष यमन से अगले दो वर्षो के लिए अध्यक्षता ग्रहण करने के बाद बैठक का उद्घाटन करते हुए कहा, “छह दशक पहले हमारे प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने हिंद महासागर से लगे देशों के एक ऐसे संगठन का सपना देखा था, जो एक-दूसरे को साझी चुनौतियों से निपटने में मदद कर सके।”

कृष्णा ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, खासतौर से उपभोक्ता वस्तुओं और ऊर्जा स्रोतों में, हिंद महासागर के रास्ते होता है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के देशों की सामरिक सुरक्षा पर समुद्री सुरक्षा का असर पड़ता है।

कृष्णा ने कहा, “चूंकि हिंद महासागर हमारे सामूहिक भाग्य का एक अभिन्न हिस्सा है, लिहाजा हमें क्षेत्र की चुनौतियों को सामूहिक जवाब देने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता है।”

कृष्णा ने कहा, “हमारे समुद्री खाद्य संसाधनों की सुरक्षा के लिए संरक्षण व सतत कटाई महत्वपूर्ण है।”

कृष्णा ने स्वीकार किया कि हिंद महासागर में लूट की घटनाएं एक बड़ी चुनौती बन गई हैं। उन्होंने कहा कि इस समस्या के कारण जहाजरानी उद्योग की व्यापार लागत प्रत्यक्ष रूप से बढ़ रही है और बीमा प्रीमियम व मानवीय नुकसान परोक्ष रूप से बढ़ रहा है।

कृष्णा ने कहा, “हमें लूट से मुकाबला करने में सहयोग बढ़ाने के लिए मौजूदा राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और बहुपक्षीय उपायों से आगे जाने की जरूरत है।”

कृष्णा ने हिंद महासागर में सुरक्षा बढ़ाने के लिए नौ सेनाओं और तट रक्षकों के बीच सक्रिय रिश्ते विकसित करने की वकालत की।

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