facts about tirupati balaji
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दक्षिण भारत में स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर पर्यटकों और श्रद्धालुओं के बीच बहुत प्रसिद्ध है। इस लोकप्रिय मंदिर की प्राकृतिक सुंदरता सभी को आकर्षित करती है। भगवान वेंकेटेश्‍वर को समर्पित इस मंदिर में उन्‍हें बालाजी, गोविंदा और श्रीनिवासा के नाम से भी जाना जाता है।

आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर भारत के सबसे धनी मंदिरों में से एक है। वेंकटेश्वर मंदिर भारत के उन चुनिंदा मंदिरों में से एक है जिसके पट सभी धर्मानुयायियों के लिए खुले हैं। यहां आने वाले भक्‍त करोड़ों रुपयों का चढ़ावा चढ़ाते हैं।

तिरुपति बालाजी मंदिर से जुड़ी अनोखी बातें

तिरुपति बालाजी मंदिर के बारे में कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं जो सबसे अनोखी हैं। जो भक्त व श्रद्धालु वैकुण्ठ एकादशी के अवसर पर यहाँ भगवान के दर्शन के लिए आते हैं, उनके सारे पाप धुल जाते हैं। ऐसी भी मान्यता है कि यहाँ आने के पश्चात् व्यक्ति को जन्म-मृत्यु के बन्धन से मुक्ति मिल जाती है।

Tirupati Balaji Idol Fact
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#1 मूर्ति से आती है आवाज़

मंदिर के प्रांगण में भगवान बालाजी की मूर्ति पर कान लगाएंगें तो आपको उस मूर्ति से विशाल सागर के प्रवाहित होने की आवाज़ सुनाई देगी। ये काफी आश्‍चर्य की बात है। भगवान बालाजी की मूर्ति के आसपास हमेशा नमी बनी रहती है। साथ ही मंदिर में आकर एक अजीब सी शांति का अनुभव होगा।

#2 स्‍वयंंभू है मूर्ति

किवदंती है कि इस मंदिर में स्‍थापित मूर्ति स्‍वयंभू है और इसी वजह से इसकी बहुत मान्‍यता भी है। वैंकटाचल पर्वत को लोग भगवान का ही स्‍वरूप मानते हैं और इसलिए इस पर्वत पर जूते-चप्‍पल पहनकर चढ़ने की मनाही है।

Tirupati Balaji Temple Architecture
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#3 शेषनाग का प्रतीक

ये मंदिर मेरुपर्वत के सपत शिखरों पर बना हुआ है जोकि भगवान शेषनाग का प्रतीक माना जाता है। इस पर्वत को शेषांचल भी कहा जाता है। इसकी सात चोटियां शेषनाग के सात फनों का प्रतीक कही जाती हैं। इनमें से वेंकटाद्रि नामक चोटि पर भगवान विष्‍णु विराजमान हैं।

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#4 मूर्ति के बाल हैं असली

मान्‍यता है कि तिरुपति बालाजी मंदिर में स्‍थापित भगवान की मूर्ति के बाल असली हैं। ये बाल कभी उलझते नहीं हैं और हमेशा मुलायम रहते हैं। माना जाता है कि यहां स्‍वयं ईश्‍वर वास करते हैं।

Tirupati Balaji Sheshnag Fact
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#5 8 फुट ऊंची है प्रतिमा

भगवान वेंकटेश्वर की 8 फुट ऊंची मूर्ति सोने के ढलुएं गुंबद जिसे आनंद निलय दिव्य विमान कहा जाता है के नीचे रखी गई है तथा मूर्ति की आँखें कपूर के तिलक से ढंकी हुई हैं। भगवान वेंकटेश्वर की इस मूर्ति की सुंदरता भक्तों के मन को मोह लेती है।

#6 केश करते हैं अर्पित

यहाँ श्रद्धालु प्रभु को अपने केश समर्पित करते हैं जिससे अभिप्राय है कि वे केशों के साथ अपना दंभ व घमंड ईश्वर को समर्पित कर रहें हैं।

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#7 सबसे धनी मंदिर है

वेंकटेश्वर मन्दिर को दुनिया में सबसे अधिक पूजनीय स्थल कहा गया है। विश्व के सर्वाधिक धनी धार्मिक स्थानों में से एक यह स्थान भारत के सबसे अधिक तीर्थयात्रियों के आकर्षण का केंद्र है।

सालभर तिरुपति बालाजी मंदिर में भक्तों और श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है। यहां पर आने वाले भक्त भगवान को अपने बाल अर्पित करते हैं और कहा जाता है कि इन बालों से विदेश में बड़ा व्यापार किया जाता है। यहां पर स्वामी वेंकटेश के रूप में पूजनीय ईष्ट देव भगवान विष्‍णु का ही स्वरूप हैं। अगर आपकी कोई मनोकामना अधूरी रह गई है तो आप भी आंध्र प्रदेश के इस मंदिर में भगवान वेंकटेश से अपनी मुराद पूरी होने की कामना कर सकते हैं।

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