इस्लामाबाद ।। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने सैन्य तख्तापलट की अफवाहों को खारिज करने की कोशिश के तहत कहा है कि देश में सैन्य शासन नहीं होगा।

गिलानी ने सोमवार को नेशनल एसेम्बली में कहा कि देश में कोई सैन्य शासन या कोई कार्यवाहक सरकार नहीं होगी, क्योंकि नागरिक समाज और मीडिया सहित कोई भी उसे स्वीकार नहीं करेगा।

राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के हृदय की बीमारी का इलाज कराने अचानक दुबई चले जाने से सैन्य तख्तापलट की अफवाह पैदा हो गई थी। यद्यपि जरदारी रविवार देर शाम पाकिस्तान लौट आए हैं, फिर भी वाशिंगटन भेजे गए गुप्त संदेश को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। गुप्त संदेश में कहा गया था कि जरदारी को, दो मई को अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन के एबटाबाद में मारे जाने के बाद सैन्य तख्तापलट की आशंका थी।

पाकिस्तान की सरकारी समाचार एजेंसी, एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान (एपीपी) ने गिलानी के हवाले से कहा है, “हमें ऐसे मौके नहीं मुहैया कराने चाहिए, जिससे लोकतंत्र पटरी से उतर जाए।”

गिलानी ने लोकतंत्र के समर्थन में बयान देने के लिए विपक्षी नेता नवाज शरीफ की प्रशंसा की।

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