लंदन ।। कई बार ऐसा होता है कि साप्ताहिक अवकाश या फिर मन मुताबिक अवकाश न मिलने की वजह से लोग तनाव में रहते हैं, लेकिन वैज्ञानिकों का यह भी दावा है कि लम्बे समय तक छुट्टी पर रहना या फिर ज्यादा समय तक काम से दूर रहना भी तनावपूर्ण हो सकता है।

समाचार पत्र ‘डेली मेल’ के अनुसार शोधकर्ताओं का मानना है कि ऐसी तनावपूर्ण स्थिति में केवल एक ही समानता देखने को मिलती है। वह यह कि या तो आपको पर्याप्त खाली वक्त नही मिलता है या फिर आप बहुत अधिक समय तक खाली बैठे रहते हैं।

ओहायो में सिनसिनाटी विश्वविद्यालय और टेक्सास में बेलोर विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने अपने शोध के दौरान 1329 किशोरों से यह जानना चाहा कि उनके पास कितना खाली समय होता है और वे इससे कितना खुश हैं?

जो लोग यह सोचते हैं कि उनके पास खाली समय की कमी होती है, उनकी तुलना में किशोरों के पास पर्याप्त समय होता है लेकिन वह भी उनके लिए कम पड़ता है क्योंकि उनके पास करने के लिए काफी कुछ होता है।

शोधकर्ताओ ने कहा, आप खुश रहने के लिये किस चीज की कामना सबसे अधिक करते हैं? खाली वक्त का न होना या फिर पर्याप्त मात्रा में खाली समय होना? या फिर आप इन दोनों के बीच की स्थिति को पसंद करते हैं।

वैज्ञानिकों का कहना है कि एक भौतिकतावादी युवा को खुशी का ऐहसास करने के लिये केवल उचित मात्रा में खाली समय पर्याप्त है।

वैज्ञानिकों का मत है कि जीवन में उचित मात्रा में खाली समय के साथ रहना हमारे रहन-सहन को ही नहीं गुणवत्ता वाला बनाता है बल्कि इसका एक अपरोक्ष फायदा भी है। फायदा यह है कि अपनी जरूरतों के लिए तेजी से भागती दुनिया में कम वक्त हमारे अंदर कई प्रकार के नकारात्मक विचार नहीं आने देते।

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