kasrat karne par kaha jati ha charbi
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आज देश और दुनिया में मोटापे की बीमारी बड़ी तेजी से बढ़ रही है और इसकी गंभीरता को देखते हुए सेहत विशेषज्ञ कसरत करने की सलाह देते हैं। आपने भी वजन घटाने के लिए कभी ना कभी तो कसरत का सहारा लिया ही होगा लेकिन क्‍या आपने कभी ये सोचा है कि कसरत करने के बाद शरीर की चर्बी जाती कहां है ?

लगभग 150 डॉक्‍टरों, आहार विशेषज्ञों और शारीरिक प्रशिक्षकों को इस सवाल का जवाब नहीं पता है लेकिन आज हम इस रहस्‍य से पर्दा उठाने वाले हैं कि जब हम कसरत करते हैं तो हमारे शरीर से फैट कहां जाता है।

कसरत से कहां जाती है चर्बी?

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अधिकतर लोगों को लगता है कि कसरत करने पर चर्बी ऊर्जा में बदल जाती है जोकि सबसे आम प्रतिक्रिया है। इसके अलावा कई लोग यह भी सोचते हैं कि फैट एनर्जी में तब्‍दील हो जाता है। आपको बता दें कि ये भौतिक द्रव्‍य संरक्षण के नियमों के खिलाफ है जिसमें सभी रसायनिक प्रतिक्रियाओं का पालन किया जाता है।

2014 में ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित मीरमैन के शोध के अनुसार कसरत करने पर फैट कार्बन डाइऑक्‍साइड और पानी में बदल जाता है। इसमें शरीर के मुख्‍य उत्‍सर्जन अंग फेफड़े का सबसे अहम काम होता है।

इस रिसर्च की मानें तो शरीर से पानी, पेशाब, पसीना, सांस और अन्‍य शारीरिक तरल पदार्थों के रूप में फैट बाहर निकल जाता है। अगर आप 10 किलो चर्बी कम करते हैं तो इसका 8.4 किलो कार्बन डाइऑक्‍साइड और बाकी 1.6 किलो पानी के रूप में बाहर निकल जाता है।

दूसरे शब्‍दों में कहें तो हम जो भी वजन कम करते हैं उसे हम सांस के रूप में छोड़ते हैं।

डॉक्‍टर थे गलत!

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इस शोध के निष्‍कर्ष तक पहुंचने के लिए इसमें 150 विशेषज्ञों को शामिल किया था और इनमें से सिर्फ 3 डॉक्‍टरों ने ही सही जवाद दिया। अमेरिका, ब्रिटेन के साथ-साथ कई यूरोपीय देशों में फैट बर्न को लेकर गलत धारण फैली हुई थी। इस रिसर्च के निष्‍कर्ष इस तथ्‍य पर आधारित हैं कि हम जो कुछ भी खाते हैं उसमें जितना भी ऑक्‍सीजन लेते हैं उसे भी शामिल किया जाना चाहिए।

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जैसे कि अगर आपके शरीर में 3.5 किलो पानी और खाना आता है तो आपने इस दौरान 500 ग्राम ऑक्‍सीजन भी लिया होगा। तो आपके शरीर से चार किलो जरूर बाहर आना चाहिए वरना आपका वजन बढ़ जाएगा।

मोटापा घटाने का असरदार तरीका

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शोधकर्ताओं की मानें तो वजन घटाने के लिए वसा कोशिकाओं से कार्बन को बाहर निकालने की जरूरत होती है। जब भी हम सांस लेते हैं तो कार्बन छोड़ते हैं, तो क्‍या अगर हम ज्‍यादा सांस लेंगें तो हम कार्बन में तब्‍दील हुए वसा को कम करने में कामयाब हो पाएंगें ?

जी नहीं, ऐसा कुछ नहीं हो सकता क्‍योंकि जरूरत से ज्‍यादा सांस लेने पर हाइपर्वेन्‍टलेशन हो जाता है और इसके लिए आपको अपनी मांसपेशियों की गतिविधयों को बढ़ाना होगा।

मोटापा घटाने का सबसे असरदार तरीका

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शोधकर्ताओं का कहना है कि कसरत के अलावा कई और तरीकों से भी हम कार्बन डाइऑक्‍साइड पैदा करते हैं। जैसे कि एक 75 किलो वजन का इंसान आराम करते वक्‍त 590 ग्राम कार्बन डाइऑक्‍साइड उत्‍पन्‍न करता है। उनका कहना है कि किसी भी दवा या पेय से इस नंबर को बढ़ाया नहीं जा सकता है।

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नींद के समय एक व्‍यक्‍ति 200 ग्राम कार्बन डाइऑक्‍साइड उत्‍पन्‍न करता है और इसके अलावा सिर्फ खड़े होने और तैयार होने से मेटाबॉलिक दर दोगुना ज्‍यादा हो जाता है। टहलने, खाना पकाने और घर की सफाई आदि करने में यह दर तिगुनी हो जाती है।

इसका मतलब है कि अगर आपको वजन कम करना है तो कम खाएं और शरीर को ज्‍यादा से ज्‍यादा चलने या काम करने दें। इसके अलावा जिस आहार से शरीर में कम एनर्जी आती है वो वजन कम करेन में ज्‍यादा कारगर होता है।

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