टोरंटो ।। परिवार के बड़े-बुजुर्ग बहुत पहले से यह सीख देते आ रहे हैं कि यदि अच्छा स्वास्थ्य चाहिए तो मन में नकारात्मक खयाल न रखो। अब कनाडा में हुए एक शोध ने भी इसकी पुष्टि कर दी है।

कनाडा में कॉनकोर्डिया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने इस बात के साक्ष्य पेश किए हैं कि कलह तथा कड़वाहट से लोग सचमुच बीमार हो सकते हैं।

विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान के प्रोफेसर कार्स्टन रॉस्क के अनुसार, “लगातार कड़वाहट से लोगों में गुस्सा और शत्रुता के भाव उत्पन्न हो सकते हैं। इसमें वृद्धि से लोगों का शारीरिक स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है।”

रॉस्क तथा उनके सहयोगी जेस्से रेनॉड ने कड़वाहट के लिए जिंदगी की विफलताओं को एक महत्वपूर्ण कारण बताया है। विश्वविद्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पछतावा, जिसमें व्यक्ति खुद को जिम्मेदार ठहराता है, से अलग खीझ की स्थिति में बाहरी कारणों को जिम्मेदार ठहराया जाता है।

रॉस्क के अनुसार, “लम्बे समय तक कड़वाहट की स्थिति बने रहने से दुर्बलता की स्थिति आ सकती है, जिससे शरीर का उपापचय, रोग प्रतिरोधक क्षमता या विभिन्न अंगों का काम करना प्रभावित हो सकता है और व्यक्ति शारीरिक रूप से बीमार हो सकता है।”

रॉस्क और रेनॉड के अनुसार, कड़वाहट तभी दूर की जा सकती है, जब विफलताओं से उबरकर व्यक्ति अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए वैकल्पिक रास्ता तलाश करे।

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