नई दिल्ली ।। शरीर को स्वस्थ और सक्रिय रखने के लिए नींद जरूरी है। असल में नींद एक प्रकार का विश्राम है। व्यक्ति जब तक जागता रहता है, कोई न कोई कार्य करता रहता है। उसका मस्तिष्क भी सक्रिय रहता है। ऐसी सक्रियता या प्रवृत्ति से थकान आती है। थकान के बाद शरीर को विश्राम की जरूरत होती है। इसके लिए मनुष्य निद्रा देवी की गोद में जाता है।

शरीर और आदतें हमारा स्वभाव बता देती हैं। शरीर के लक्षण और ज्योतिष का गहरा संबंध है। जैसा व्यक्ति का स्वभाव होता है, उसकी आदतें भी ठीक वैसी ही होती हैं। यदि आदतों पर ध्यान दिया जाए तो आप किसी भी व्यक्ति के मन की बात को आसानी से समझ सकते हैं।

प्रत्येक व्यक्ति अपनी सुविधा के अनुसार सोता है। सोने के लिए यदि अधिक स्थान मिले, तो व्यक्ति फैलकर सोता है, लेकिन सोते समय मन केंद्रित होने पर करवट ले लेता है। बहुत से व्यक्तियों के शरीर व मन एक स्थान पर केंद्रित नहीं हो पाते, इसलिए ऐसे व्यक्ति सारी रात बेचैनी में करवटें बदलते रहते हैं। इसके विपरीत कुछ व्यक्ति बिस्तर पर लेटते ही ऐसे सो जाते हैं, जैसे नींद की गोली खा रखी हो। प्रत्येक व्यक्ति का सोने का तरीका अलग-अलग होता है।

कोई व्यक्ति कैसे सोता है? इस बात से भी आप उसके मन की स्थिति और उसके स्वभाव का अंदाजा लगा सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि कोई व्यक्ति शरीर को पूरी तरह सिकोड़कर सोता है तो ऐसा इंसान डरने वाला होता है। उसे किसी बात का भय हमेशा सताता रहता है। उसके मन में ऐसे विचार होते हैं कि वह असुरक्षित है। इसी वजह से ये लोग आसानी से किसी के घुलमिल नहीं पाते। इस तरह सोने वाले लोग अधिक समय तक घर से बाहर रहना भी पसंद नहीं करते। इन्हें जल्दी ही किसी पर विश्वास नहीं होता। साथ ही ये लोग अपने आप को हमेशा सुरक्षित रखने का प्रयास करते हैं।

यदि कोई व्यक्ति सोते समय तकिया दबाकर सोता है तो वह भी इसी प्रकार के स्वभाव वाला होता है। हाथ-पांव सिकोड़कर सोने वाले व्यक्ति को हमेशा अनजाना सा डर सताता रहता है। इसके विपरीत कुछ व्यक्ति ऐसे होते हैं, जिनकी आदत बिना तकिए के सोने की होती है। ऐसे व्यक्तियों को नियम अच्छे लगते हैं, लेकिन कब गुस्सा आ जाए, यह किसी को मालूम नहीं होता।

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